अतीत के संदर्भ में वर्तमान का मूल्यांकन ही पुरातन छात्र सम्मेलन का उद्देश्य – श्री देवेन्द्र नाथ दुबे

दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर के संस्कृत एवं प्राकृत भाषा विभाग में आज दिनांक 28/0 2/ 2025 को पुरातन छात्र सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कलासंकाय के अधिष्ठाता व संस्कृत सहित कई विभागों के विभागाध्यक्ष प्रो राजवंत राव ने की। उन्होंने अपने वक्तव्य में छात्रों को विश्वविद्यालय की गौरवशाली परंपरा से जुड़े रहने का आह्वान किया ।मुख्य अतिथि का वक्तव्य श्री देवेन्द्र नाथ दुबे पूर्व आईपीएस उत्तर प्रदेश ने दिया। उन्होंने अपने व्याख्यान में वर्तमान का मूल्यांकन करना आवश्यक बताया, तथा साथ में यह भी अवगत कराया कि परिवर्तन ही स्थाई है, अस्तु समय के साथ अपने को परिवर्तित करते रहना चाहिए। डॉ श्रवण जी विशिष्ट अतिथि (प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य) ने अपने पूर्व छात्र -जीवन की यादें ताजा करने के साथ ही सभी अध्यापकों हेतु उपहार भी प्रेषित किया । अपनी स्मृतियों और उपलब्धियों को संजोने के लिए संस्कृत विभाग के कुछ पुरातन छात्रों ने अपने अनुभव भी साझा किये। संस्कृत विभाग के समन्वयक डॉ० देवेन्द्र पाल ने स्वागत वक्तव्य तथा अतिथि परिचय कराया। कार्यक्रम का संचालन डॉ रंजनलता ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ०धर्मेन्द्र कुमार सिंह ने किया। इस कार्यक्रम में सभी विभागीय शिक्षक डॉ० सूर्यकान्त त्रिपाठी,डॉ०कुलदीपक शुक्ल , डॉ स्मिता द्विवेदी, डॉ मृणालिनी,डॉ ज्ञानधर भारती, डॉ अर्चना शुक्ला उपस्थित रहे। साथ ही कार्यक्रम में सभी विभागीय शोध-छात्र/छात्राएं एवं स्नातकोत्तर के छात्र/छात्राएं उपस्थित रहे।

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