ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (BBC) को ट्विटर (Twitter) ने गवर्मेंट फंडेड मीडिया (Government Funded Media) का लेबल दिया है। ट्विटर की ओर से बीबीसी के वेरिफाइड अकाउंट पर गोल्डन टिक के साथ ही ‘गवर्मेंट फंडेड मीडिया’ का टैग लगाया है, जिसपर बीबीसी के ट्विटर मैनेंजमेट की ओर से आपत्ति जताई गई है। साथ ही इस मामले को जल्द सुलझाने का दावा किया गया है।
बीबीसी ने कहा- हम स्वतंत्र हैं
बीबीसी की ओर से कहा गया है कि ट्विटर को हम पर से यह लेबल तुरंत हटाना चाहिए। बीबीसी ने बताया कि इसको लेकर ट्विटर से बात की जा रही है, जल्द ही इसे ठीक कर लिया जाएगा। हम स्वतंत्र हैं और हमेशा से रहे हैं। हमें लाइसेंस फीस के जरिए सिर्फ ब्रिटेन की पब्लिक फंड देती है।
Also Read: PMMY: सरकार ने मुद्रा योजना के तहत 41 करोड़ लाभार्थियों को दिया 23.2 लाख करोड़ का लोन
बता दें कि बीबीसी ट्विटर अकाउंट के 22 लाख फॉलोअर्स हैं, जिस पर बीबीसी टेलीविजन कार्यक्रम, रेडियो शो, पॉडकास्ट, ब्रेकिंग, न्यूज स्टोरी आदि की अपडेट शेयर करता है। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, बीबीसी न्यूज (वर्ल्ड) और बीबीसी ब्रेकिंग न्यूज सहित बीबीसी के अन्य अकाउंट्स को यह लेबल नहीं दिया गया है।
फंडेड मीडिया का लेबल देने नहीं बताया कोई कारण
ट्विटर ने बीबीसी को गवर्मेंट फंडेड मीडिया का लेबल देने का कोई कारण नहीं बताया है। हालांकि, सोमवार को एलन मस्क ने ट्वीट कर कहा कि बीबीसी का फिर से क्या मतलब है? मै भूलता रहता हूं। दरअसल, गवर्नमेंट फंडेड मीडिया का मतलब है कि उस न्यूज चैनल या मीडिया संस्थान को सरकार सहयोग दे रही है और कभी भी उस संस्था की पॉलिसी को प्रभावित कर सकती है।
Also Read: अब हर महीने तय होंगे CNG-PNG के दाम, केंद्र सरकार ने बदला कीमत तय करने का फॉर्मूला
ट्विटर का गोल्ड टिक अब उन आउटलेट्स पर दिखाई दे रहा है, जो सरकारी फंडिंग से चलते हैं। इनमें पीबीएस, एनपीआर, वॉयस ऑफ अमेरिका और बीबीसी भी शामिल है। हालांकि, कनाडा के सीबीसी या कतर के अल जजीरा जैसे अन्य सरकार समर्थित आउटलेट्स पर ऐसा लेबल दिखाई नहीं दे रहा है।
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )