UP MLC Election Result: अखिलेश यादव को 2 महीने बाद लगेगा बड़ा झटका, उच्च सदन में छिन जाएगा नेता प्रतिपक्ष का पद

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को 2 महीने बाद बड़ा झटका लगने वाला है। उत्तर प्रदेश विधान परिषद में स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र की 36 एमएलसी सीटों में सपा का पत्ता साफ होने के साथ ही उससे अब छह जुलाई के बाद उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition) का पद भी छिन जाएगा।

सपा के 12 सदस्यों का खत्म हो रहा कार्यकाल

दरअसल, नेता प्रतिपक्ष का पद विपक्ष में सबसे बड़े दल को मिलता है, लेकिन इसके लिए दल की न्यूनतम 10 प्रतिशत सीटें जरूरी हैं। वर्तमान में सपा के 17 एमएलसी हैं, इनमें से 12 सदस्यों का कार्यकाल छह जुलाई तक अलग-अलग चरणों में समाप्त हो जाएगा।

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जानकारी के अनुसार, 100 सीटों वाले विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के लिए न्यूनतम 10 सीटें जरूरी होती हैं। इसी 28 अप्रैल को सपा के नामित एमएलसी बलवंत सिंह रामूवालिया, वसीम बरेलवी व मधुकर जेटली का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। इसके बाद 26 मई को भी तीन एमएलसी राजपाल कश्यप, अरविन्द कुमार व संजय लाठर का कार्यकाल खत्म हो जाएगा।

वर्तमान में संजय लाठर नेता प्रतिपक्ष हैं। इन छह सीटों पर अब भाजपा अपने नेताओं व कार्यकर्ताओं को नामित करेगी। इसके बाद 6 जुलाई को समाजवादी पार्टी के 6 और सदस्य जगजीवन प्रसाद, कमलेश कुमार पाठक, रणविजय सिंह, शतरुद्र प्रकाश (अब भाजपा में), बलराम यादव व राम सुंदर दास निषाद का भी कार्यकाल पूरा हो जाएगा।

चार सीटें ही जीत सकती है सपा

ऐसे में सपा के जुलाई में केवल पांच सदस्य नरेश चन्द्र उत्तम, राजेन्द्र चौधरी, आशुतोष सिन्हा, डा. मान सिंह यादव व लाल बिहारी यादव रह जाएंगे। जुलाई में विधानसभा कोटे की 13 सीटें रिक्त हो रही हैं। इसके लिए चुनाव जून में होंगे। चूंकि एक सीट के लिए 31 विधायकों के मत जरूरी हैं। सपा व सहयोगी दलों के विधानसभा में 125 विधायक हैं। संख्या बल के हिसाब से सपा अधिकतम चार सीटें ही जीत सकती है। ऐसे में सपा सदस्यों की संख्या 9 रह जाएगी।

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उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष रहे अहमद हसन के निधन के कारण व विधायक बने ठाकुर जयवीर सिंह के एमएलसी पद से त्यागपत्र देने की वजह से दो सीटें भी रिक्त हैं। इन सीटों पर भाजपा आसानी से अपने प्रत्याशियों को जीत दिला देगी।

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