उत्तर प्रदेश के मेरठ (Meerut) जनपद के महावीरा अस्पताल के मालिक यशपाल सिंह हत्याकांड (Yashpal singh Murder case) मामले में पुलिस ने अस्पताल किराए पर लेकर चलाने वाले गुफरान और मुन्नवर को हिरासत में लिया है। यशपाल सिंह ने हत्या वाली रात दोनों को अस्पताल खाली करने की चेतावनी दी थी। पुलिस का मानना है कि अस्पताल खाली करने के डर से दोनों यशपाल की हत्या करना चाहते थे।
बागपत रोड पर मलियाना पुलिस चौकी के पास रहने वाले यशपाल सिंह की धर्म कांटे के कमरे में गोली मारकर हत्या कर दी गई। यशपाल सिंह शिव धर्म कांटा और महावीरा अस्पताल के मालिक थे। पुलिस की जांच में पता चला है कि यशपाल की हत्या शूटर के जरिए कराई गई। टीपीनगर पुलिस यशपाल के चारों बेटों सतेंद्र, धर्मेंद्र, नरेंद्र और अमित से पूछताछ कर चुकी है। अभी तक परिवार के सदस्यों के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।
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ऐसे में पुलिस ने दूसीर लाइन पर काम शुरू किया है। पुलिस की जांच में सामने आया कि अस्पताल किराए पर लेकर चलाने रहे सलापुर के गुफरान और मुन्नवर से भी यशपाल का विवाद हुआ था। यशपाल ने दोनों को अस्पताल खाली करने की धमकी दी थी। पुलिस इन दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
मुन्नवर और गुफरान ने क्यों रखें हिंदू नाम
सूत्रों ने बताया कि रोहटा रोड के गांव सलापुर के रहने वाले मुन्नवर ने अपना नाम मोनू रख लिया है, जबकि गुफरान ने अपना नाम बदलकर आनंद कर लिया है। इन दोनों को सभी अब मोनू और आनंद के नाम से जानते हैं। किसी को पता नहीं कि दोनों मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। पुलिस इस बिंदु पर भी जांच कर रही है कि दोनों ने मुस्लिम होते हुए अपने नाम हिंदू क्यों रखे हुए हैं।
मामले में एसपी सिटी विनीत भटनागर का कहना है कि पुलिस परिवार और अस्पताल के विवाद पर काम कर रही है, जल्द ही यशपाल के हत्यारे को गिरफ्तार किया जाएगा।
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