उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) निकाय चुनाव को लेकर गुरुवार यानी आज सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (SLP in Supreme Court) यानी विशेष अनुज्ञा याचिका दायर करेगी। इस याचिका पर 1 जनवरी को बहस होगी। प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट से ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) के साथ चुनाव कराने की मंजूरी देने की अपील करेगी।
वहीं, इससे पहले बुधवार को सरकार ने पांच सदस्यों का ओबीसी आयोग बनाया है। सरकार ने रिटायर्ड जज राम अवतार सिंह को ओबीसी आयोग का अध्यक्ष बनाया है। इनके आलावा आईएएस चौब सिंह वर्मा, रिटायर्ड आईएएस महेंद्र कुमार, भूतपूर्व विधि परामर्शी संतोष कुमार विश्वकर्मा और अपर जिला जज बृजेश कुमार सोनी सदस्य होंगे।
यह आयोग निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट करके तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट शासन को देगा। इसके आधार पर ओबीसी आरक्षण निर्धारित होगा। ऐसे में कहा जा रहा है कि अप्रैल-मई में निकाय चुनाव हो सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि फरवरी-मार्च में बोर्ड एग्जाम हैं।
दरअसल, मंगलवार को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने निकाय चुनावों पर राज्य सरकार के 5 दिसंबर को जारी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया था। इसके साथ ही ओबीसी आरक्षण लागू किए बिना ही यूपी में चुनाव कराने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि बिना ट्रिपल टेस्ट के आरक्षण न किया जाए।
हाईकोर्ट के फैसले के बाद सीएम योगी ने कहा कि बिना ओबीसी आरक्षण के निकाय चुनाव नहीं होंगे। जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट तक जाया जाएगा। हाईकोर्ट के फैसले के 24 घंटों के भीतर ही आरक्षण के लिए आयोग का गठन कर दिया गया।
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