उत्तर प्रदेश (UP) की जिला जेलों में बंद कैदियों (Prisoners) को सुधारने और उनका पुनर्वास के लिए प्रदेश स्तर पर कार्ययोजना बनाई जा रही है। इन कैदियों से गौ सेवा (Gau Seva) कराकर उन्हें स्वावलंबी बनाया जाएगा। जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष इस प्रस्ताव को रखा जाएगा। सीएम से हरी झंडी मिलने के इसे लागू किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, अभी इसकी शुरुआत प्रदेश के 4 जिलों से होनी है। गौ सेवा करने के बदले कैदियों को मेहनताना दिया जाएगा। जेल से छूटने के बाद ये लोग उन पैसों से रोजगार भी कर सकते हैं। इसके अलावा डेयरी जैसे उद्योग के लिए भी प्रशिक्षित किया जाएगा।
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डीआईजी जेल वीपी त्रिपाठी ने बताया कि गौ-सेवा करने से बंदियों में रचनात्मक सुधार आएगा। गौ-सेवा से मिलने वाले धन से बंदी छूटने के बाद अपना रोजगार स्थापित कर सकते हैं। इससे वे समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकेंगे। डीआईजी ने कहा कि जो आदमी जेल में रहकर बाहर निकलता है, वह अपने बल पर खड़ा होकर रोजी-रोटी कमा सके, इसके लिए गौ-सेवा करने की योजना बनाई गई है।
डीआईजी ने कहा कि कितने आदमियों की आवश्यकता एक गौशाला में है, उस हिसाब से कैदियों को इस काम में लगाया जाएगा। इससे बंदियों का सुधार और पुनर्वास शुरू हो जाएगा। जिससे बंदियों में रचनात्मक सुधार के साथ-साथ समाज को भी इसका लाभ मिलेगा।
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वहीं, डीजी जेल आनंद कुमार ने बताया कि यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के तहत उत्तर प्रदेश के चार जनपद जालौन, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी और फर्रुखाबाद में शुरू की जाएगी। इसकी सफलता के बाद अन्य जिलों में भी लागू होगी। इसमें कैदियों को सुरक्षा के बीच गौशाला ले जाया जाएगा। जहां वे दिन भर मेहनत करेंगे। उन्हें सरकारी दर पर मेहनताना मिलेगा।
इस योजना के तहत जनपद में स्थित गौशालाओं में बंदियों को भेजा जाएगा, जहां उनको गौ-सेवा का प्रशिक्षण दिया जाएगा। मजदूरी इनके खाते में जाएगी। इससे यह इनको आगे मदद देगी, जिससे बाहर निकलने पर यह अपना रोजगार शुरू कर सकें। साथ ही गौ सेवा के लिए आदमी मिलेंगे।
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