कुछ समय पहले यूपी में हुए पशुपालन विभाग टेंडर घोटाले के मामले में फरार चल रहे 50 हजार को आखिरकार स्पेशल टीम ने गिरफ्तार कर लिया। दरअसल, इनामी निलंबित सिपाही दिलबहार यादव को लखनऊ पुलिस कमिश्नर की स्पेशल टीम ने रविवार देर रात को गिरफ्तार किया है। यूपी एसटीएफ की टीमें काफी समय से सिपाही की गिरफ्तारी के लिए कोशिश कर रहीं थीं।
काफी समय से दी जा रही थी दबिश
जानकारी के मुताबिक, लखनऊ एसीपी गोमतीनगर श्वेता श्रीवास्तव के मुताबिक आरोपित निलंबित सिपाही डीबी सिंह यादव की तलाश में दबिश दी जा रही थी। आरोपित आत्मसमर्पण की तैयारी में था। आरोपित पीड़ित इंदौर निवासी व्यापारी को कोतवाली लेकर गया था और वहां धमकी दी थी।
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वहीं दूसरी तरफ पुलिस टीम आरोपित की तलाश में दबिश दे रही थी। इसी बीच पता चला कि आरोपित ने भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में मंगलवार को आत्मसमर्पण करने के लिए अर्जित भी डाली है। पुलिस आयुक्त के निर्देश पर सर्विलांस टीम की मदद से आरोपित को दबोच लिया गया। दिलबहार यादव ने तक भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में सोमवार को आत्मसमर्ण करने की अर्जी डाली थी।
इस मामले में था फरार
गौरतलब है कि इंदौर के व्यापारी मंजीत सिंह भाटिया ने 13 जून को हजरतगंज कोतवाली में नौ करोड़ 72 लाख रुपये हड़पने की एफआईआर आशीष राय, अनिल राय, एके राजीव, पशुधन मंत्री जय प्रकाश निषाद के निजी प्रधान सचिव रजनीश दीक्षित, निजी सचिव ललित, रूपक राय और दिल बहार यादव के खिलाफ करायी थी। पीड़ित ने नाका कोतवाली ले जाकर प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया था। जांच में सिपाही दिलबहार यादव का नाम सामने आया था। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए कई बार उसके ठिकानों पर दबिश दी गई थी। दिलबहार को कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित किया था। वहीं सिपाही पर पचास हजार का इनाम भी घोषित किया गया था।
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