विदेश मंत्री एस. जयशंकर (Foreign Minister S. Jaishankar) ने 1 मई को अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो से फोन पर बातचीत कर पाकिस्तान में आतंकियों के खिलाफ भारत की सख्त कार्रवाई के संकेत पहले ही दे दिए थे। यह बयान 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद आया, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी।
‘आतंक पर भारत सख्त कार्रवाई करेगा’
सूत्रों के अनुसार, जयशंकर ने अमेरिकी समकक्ष से कहा था कि भारत आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करेगा और पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की सुरक्षा को खतरा पहुंचाने वालों के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।
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आतंकी अड्डों पर हमले
भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ प्रमुख आतंकी ठिकानों पर निशाना साधा। इन हमलों के जवाब में पाकिस्तान ने आर्टिलरी और ड्रोन के माध्यम से सीमा पर तनाव बढ़ा दिया।
अमेरिका की मध्यस्थता
10 मई को, जयशंकर और रूबियो के बीच दोबारा बातचीत हुई, जिसमें अमेरिका ने तनाव कम करने पर जोर दिया। रूबियो ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीधा संवाद स्थापित करने के लिए अमेरिका के समर्थन की बात कही।
अमेरिका ने दोहराया भारत के साथ आतंक के खिलाफ सहयोग
बातचीत के दौरान अमेरिका ने भारत के आतंकवाद विरोधी रुख का समर्थन किया और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने की जरूरत पर बल दिया। पाकिस्तान की ओर से 7-8 मई की रात भारतीय सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों को सटीकता से निशाना बनाया था।
सीजफायर पर बनी सहमति, लेकिन पाकिस्तान ने फिर किया उल्लंघन
10 मई की शाम दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम पर सहमति बनी, मगर इसके बाद भी पाकिस्तान ने ड्रोन हमले जारी रखे, जिससे तनाव फिर से बढ़ गया। इस बीच, मिस्त्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलती ने एस. जयशंकर से टेलीफोन पर बातचीत की और भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति पर चर्चा की। जयशंकर ने एक बार फिर भारत की “जीरो टॉलरेंस” नीति पर बल दिया है।