आकाश, ब्रह्मोस और स्काई स्ट्राइकर: मेड इन इंडिया हथियार जो पाकिस्तान की रणनीति पर बन गए भारी

भारत ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाते हुए कई अत्याधुनिक स्वदेशी हथियार प्रणालियों का विकास किया है, जो अब युद्धक्षेत्र में निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं। हाल के भारत-पाकिस्तान तनाव के दौरान इन हथियारों ने न केवल भारत की सुरक्षा मजबूत की, बल्कि पाकिस्तान की सैन्य और आतंकी रणनीति को भी पस्त कर दिया। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं – आकाश मिसाइल प्रणाली, ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल और स्काई स्ट्राइकर सुसाइडल ड्रोन।

आकाश मिसाइल: हवाई खतरों का दुश्मन बना भारत का ‘आयरन डोम’

DRDO द्वारा विकसित आकाश मिसाइल प्रणाली अब भारतीय वायुसेना और थलसेना की रीढ़ बन चुकी है। यह सतह-से-हवा मिसाइल प्रणाली लड़ाकू विमान, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों, ड्रोन जैसे लक्ष्यों को 25 से 45 किलोमीटर की दूरी और 18,000 मीटर की ऊंचाई तक भेदने में सक्षम है।

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8 से 10 मई के बीच पाकिस्तान की ओर से किए गए ड्रोन और मिसाइल हमलों को आकाश प्रणाली ने पूरी तरह विफल कर दिया। श्रीनगर में एक पाकिस्तानी JF-17 और पंजाब में फतेह-1 मिसाइल को हवा में ही मार गिराया गया। इसके साथ ही कई अन्य ड्रोन और मिसाइलों को भी इसने निष्क्रिय कर दिया।

ब्रह्मोस मिसाइल: सेकंडों में कराची-इस्लामाबाद तक तबाही

भारत और रूस की संयुक्त परियोजना ब्रह्मोस अब दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल मानी जाती है। जमीन, समुद्र, पनडुब्बी और वायुसेना के प्लेटफॉर्म से लॉन्च की जा सकने वाली ब्रह्मोस अब 1500 किलोमीटर तक मार कर सकती है।

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11 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने पहली बार युद्ध में ब्रह्मोस का प्रयोग करते हुए पाकिस्तान के सात वायुसेना ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की। लाहौर, कराची और इस्लामाबाद जैसे शहरों को कुछ ही मिनटों में टारगेट किया गया। यह हमला पाकिस्तान की रक्षा प्रणालियों के लिए करारा झटका साबित हुआ।

स्काई स्ट्राइकर ड्रोन: आतंक के अड्डों पर बना काल

भारत-इजराइल सहयोग से विकसित स्काई स्ट्राइकर एक लॉइटरिंग म्यूनिशन यानी सुसाइडल ड्रोन है, जो लॉन्च के बाद अपने लक्ष्य को स्वायत्त रूप से पहचानकर ध्वस्त कर सकता है। यह 5-10 किलोग्राम तक विस्फोटक ले जा सकता है और रडार से बचने में सक्षम है।

7 मई को इसी ड्रोन ने पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों को तबाह किया। इसमें हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकियों से जुड़े मदरसे भी शामिल थे। सोशल मीडिया पर इसे ‘पाकिस्तान की हलक में जान’ बताया गया।

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पाकिस्तान के लिए रणनीतिक संकट

इन स्वदेशी हथियारों की तैनाती से पाकिस्तान की परंपरागत हवाई और जमीनी युद्ध रणनीतियाँ लगभग निष्क्रिय हो चुकी हैं। आकाश मिसाइल ने हवाई हमलों को रोका, ब्रह्मोस ने गहराई तक हमला किया और स्काई स्ट्राइकर ने आतंकी नेटवर्क पर सटीक प्रहार किया।

स्वदेशी हथियारों का आर्थिक और सामरिक असर

इन हथियार प्रणालियों का निर्माण भारत के ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन का हिस्सा है, जिससे विदेशी आयात पर निर्भरता घटी है। BEL और BDL जैसी सार्वजनिक रक्षा कंपनियों के शेयरों में भारी उछाल देखा गया है, जो रक्षा क्षेत्र में आर्थिक सशक्तिकरण का संकेत देता है।

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