Mahakumbh 2025: 8 फरवरी को वर्ल्ड हिंदू इकोनॉमिक फ़ोरम का सम्मेलन, 2047 तक भारत को समृद्ध बनाने की नीतियों पर होगी चर्चा

विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) के आधुनिक इतिहास में वर्ल्ड हिंदू इकोनॉमिक फ़ोरम (World Hindu Economic Forum) पहली बार 8 फरवरी, 2025 को आर्थिक सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है। यह अनूठा कार्यक्रम गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के पवित्र त्रिवेणी संगम स्थली पर आयोजित किया जाएगा। यह प्रतिभागियों को सनातन काल से चली आ रही धार्मिक परंपरा का साक्षी होने के साथ ही उत्तर प्रदेश और भारत को आगे बढ़ाने के लिए और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में अर्थव्यवस्था-केंद्रित चर्चाओं में सम्मिलित होने का एक अद्वितीय अवसर प्रदान करेगा।

महाकुंभ में आर्थिक विचार-विमर्श की प्राचीन परंपरा को पुनर्जीवित करना लक्ष्य

महाकुंभ प्रत्येक बारह वर्षों में एक बार आता है। यह ना केवल एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है, बल्कि विभिन्न पृष्ठभूमियों और व्यवसायों से जुड़े धार्मिक अनुयायियों के लिए एकत्र होने और अपने व्यावसायिक क्षेत्रों और जन कल्याण को प्रभावित करने वाले विषयों पर चर्चा करने का अवसर भी है।

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महाकुंभ में परंपरागत रूप से, भिन्न-भिन्न स्थानों से आए और विभिन्न समूहों के एकत्रीकरण से व्यापार, कृषि, शिक्षा और संस्कृति तथा सामाजिक कल्याण से संबंधित विचारों और प्रथाओं का आदान-प्रदान होता था। प्राचीन ग्रंथों और ऐतिहासिक विवरणों से संकेत मिलता है कि इस तरह की सभाओं के दौरान, व्यापारी और आर्थिक क्षेत्र के विद्वान, व्यापार मार्गों, बाजार के रुझानों और आर्थिक पहलों के बारे में चर्चा करते थे। संस्कृति को सशक्त करने और अर्थव्यवस्था को गति देने वाली इस परंपरा ने न केवल व्यापार को सुविधाजनक बनाया, बल्कि आर्थिक विकास में भी योगदान दिया। इन सभाओं में विद्वानों की उपस्थिति से शिक्षा पर चर्चा को बढ़ावा मिला और ज्ञान का प्रसार हुआ। इन चर्चाओं में विज्ञान, व्यापार, दर्शन और कला के क्षेत्र में हुई प्रगति का समावेश होता था, जो सामाजिक विकास के एक समग्र दृष्टिकोण को दर्शाता है।

World Hindu Economic Forum

इस वर्ष, वर्ल्ड हिंदू इकोनॉमिक फ़ोरम का लक्ष्य है कि महाकुंभ में आर्थिक विचार-विमर्श की प्राचीन परंपरा को पुनर्जीवित किया जाये। एक दिवसीय वर्ल्ड हिंदू इकॉनमिक फोरम महाकुंभ 2025 सम्मेलन में व्यापार, उद्योग और वित्त के क्षेत्र में निर्णायक भूमिका निभाने वाले प्रमुख व्यक्ति सम्मिलित होंगे, जो 2047 तक एक समृद्ध भारत की दिशा में नवाचार और संवहनीयता को बढ़ावा देने वाली महत्वपूर्ण नीतियों और कार्यक्रमों पर चर्चा करेंगे।

सीएम ने कहा था- हिंदू अर्थव्यवस्था पर चर्चा करने के लिए महाकुंभ एक आदर्श मंच 

उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 14 दिसंबर 2024 को मुंबई में आयोजित वर्ल्ड हिंदू इकॉनमिक फोरम (WHEF) में अपने मुख्य भाषण के दौरान कहा था कि हिंदू अर्थव्यवस्था पर चर्चा करने के लिए महाकुंभ एक आदर्श मंच है क्योंकि विरासत और विकास के बेहतर समन्वय का अद्भुत केंद्र होगा प्रयागराज। अपने संबोधन में माननीय मुख्यमंत्री ने 2025 के महाकुंभ में WHEF सम्मेलन आयोजित करने का प्रस्ताव देते हुए फोरम को महाकुंभ के दौरान एक आर्थिक सम्मेलन आयोजित करने के लिए आमंत्रित किया।

World Hindu Economic Forum

इस सम्मेलन में उत्तर प्रदेश और भारत के भविष्य को आकार देने के उद्देश्य से विभिन्न चर्चाएँ और सत्र आयोजित किए जाएँगे । जिसमें देश के आर्थिक और सामाजिक विकास में उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा होगी और 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए आवश्यक परिवर्तनों और विकास रणनीतियों पर विमर्श होगा। साथ ही महाकुंभ के सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक महत्व को उजागर करने के लिए विशेष सत्र का आयोजन किया जायेगा जिसमें लोगों को एकजुट करने वाले, सांस्कृतिक गौरव को बढ़ावा देने वाले और आर्थिक समृद्धि को प्रेरित करने वाले महाकुंभ के सामर्थ्य को रेखांकित किया जाएगा।

सम्मेलन में भाग लेने आये लोगों को त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने और महाकुंभ की आध्यात्मिक समृद्धि का अनुभव करने का अवसर भी मिलेगा, जो कि पुनर्जन्म और नवीनीकरण का प्रतीक है। वर्ल्ड हिंदू इकॉनमिक फोरम (WHEF) एक ऐसा संगठन है जो वैश्विक हिंदू समाज के आर्थिक विकास और आपसी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। ‘समाज को समृद्ध बनाने’ के दृष्टिकोण और ‘अधिशेष धन का अर्जन कर समाज हित में वितरित करने’ के उद्देश्य के साथ, वर्ल्ड हिंदू इकॉनमिक फोरम सन् 2012 से विश्व के विभिन्न देशों में वार्षिक सम्मेलनों का आयोजन कर रहा है। इन आयोजनों में सफल उद्योगपति, व्यापारी, बैंकर्स, तकनीकी विशेषज्ञ, निवेशक, अर्थशास्त्री, विचारक और आर्थिक क्षेत्र से जुड़े अन्य लोग सम्मिलित होते हैं, जहां वे अपनी जानकारी, विशेषज्ञता, अनुभव और संसाधन एक दूसरे के साथ साझा करते हैं और उभरते हुए उद्यमियों को प्रोत्साहन, समर्थन और मार्गदर्शन भी प्रदान करते हैं।

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