उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) ने असंगठित क्षेत्र के पंजीकृत कामगारों के लिए जन आरोग्य योजना लागू करने का फैसला लिया है। इसमें पंजीकृत श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों को 5 लाख रुपए तक का कैशलेस इलाज (Cashless Treatment) मिलेगा। साथ ही दुर्घटना में मृत्यु होने या दिव्यांगता पर परिवार को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव श्रम द्वारा शासनादेश जारी कर दिए गए हैं।
शासनादेश के मुताबिक, उत्तर प्रदेश राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड में पंजीकृत कामगार और उनके परिजन इस योजना में इलाज के पात्र होंगे। सरकारी एवं निजी अस्पतालों में प्रति परिवार 5 लाख रुपए प्रतिवर्ष इलाज की सुविधा निशुल्क प्रदान की जाएगी। वर्तमान में प्रदेश में असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों की संख्या करीब 4.5 करोड़ है।
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इसके अलावा मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना के तहत, कर्मकार की दुर्घटना में मृत्यु होने या दिव्यांगता की स्थिति में उसके परिजनों को अधिकतम 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि 6 श्रेणियों में देय होगी। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि दोनों ही योजनाओं का शासनादेश जारी कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड योजना के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिक की मृत्यु की दशा में उसके परिजनों को व दिव्यांगता की स्थिति में पंजीकृत श्रमिक को 15 दिनों के अंदर योजना में निर्धारित आर्थिक सहायता दिया जाना सुनिश्चित करेगा। आवेदन पत्र के साथ कामगार की दुर्घटनावश मृत्यु की दशा में मृत्यु प्रमाण पत्र/विधिक वारिसों का प्रमाण पत्र और आयु प्रमाण पत्र आवेदन के साथ संलग्न करना होगा।
इसी तरह दिव्यांगता की स्थिति में जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र मान्य होगा। मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना के सफल संचालन के लिए विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए शासन द्वारा बजट प्राविधान किया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन में आने वाली दिक्कतों के निवारण के लिए सचिव, उत्तर प्रदेश राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड सक्षम होंगे और इस संबंध में कोई दिशा निर्देश निर्गत कर सकेंगे।