कोरोना से जंग में जुटे उत्तर प्रदेश के मुख्यंमत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की जहां एक तरफ दुश्मन मुल्क पाकिस्तान भी ताऱीफ करने से खुद को रोक नहीं पा रहा है वहीं दूसरी तरफ लगता है कि कुछ एजेंडाधारी मीडिया चैनल और न्यूज वेबसाइट उनके पीछे पड़े हैं. कानपुर के संवासिनी गृह (Kanpur Samvasini Grih) को लेकर फैलाया गया सफेद झूठ तब पकड़ा गया जब चंद मिनटों में डीएम और कमिश्नर ने सामने आकर सबूतों के साथ पूरी सच्चाई मीडिया को बताई. वहीं इस कोरी अफवाह के झांसे में प्रियंका गांधी वाड्रा जैसे नेता भी आ गए जिन्होंने पूरी खबर आ जाने तक इंतजार करना भी सही नहीं समझा और महामारी के समय बेहद शर्मनाक बयानबाजी कर डाली.
दरअसल, रविवार को राजकीय बाल संरक्षण गृह (Kanpur Chield Shelter home) को लेकर खबर आई कि कोरोना संक्रमण की जांच के दौरान पता चला कि यहां रहने वाली दो लड़कियां गर्भवती हैं, इसके चंद मिनटों में कुछ न्यूज चैनलों और पोर्टलों पर इसे मुजफ्फरपुर से जोड़ते हुए रेप की कहानी गढ़ दी गई. देखते ही देखते यह झूठ चारो तरफ फैलने लगा. इसी बीच मौके तलाश में बैठे कुछ लोग इसपर बिना तथ्य जाने दुष्प्रचार करने लगे.

सीएम योगी ने तुरंत लिया संज्ञान
मामला सामने आते ही तत्काल सीएम योगी ने संज्ञान लिया, जिसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया. डीएम और कमिश्नर ने चंद मिनटों में प्रेस कांफ्रेस कर मीडिया द्वारा फैलाए गए झूठ की कलई खोल दी.
न्यायालय को सौंपी रिपोर्ट ने खोली झूठ की पोल
दरअसल, बालिका गृह में काफी लड़कियां पॉक्सो ऐक्ट में आती हैं, कम उम्र की होती हैं और उन्हें वहां रखा जाता है. इन बच्चियों को शेल्टर होम में लाने से पहले न्यायालय को रिपोर्ट देनी पड़ती है जिसमें 2 नहीं बल्कि 7 लड़कियों के गर्भवती होने की रिपोर्ट दाखिल की गई थी, इसी रिपोर्ट ने दूध का दूध औऱ पानी का पानी कर दिया.
शेल्टर होम लाने से पहले ही प्रेग्नेंट थीं 7 बालिकाएं
जिलाधिकारी डॉ ब्रह्म देव राम तिवारी ने बताया कि इस संरक्षण गृह में कुल 57 कोरोना पॉजिटिव संवासिनी पाई गई हैं. कुल संरक्षित बालिकाओ में 7 बालिकाएं गर्भवती पाई गईं , जिसमें 5 कोरोना पॉजिटिव हैं. शेष 2 निगेटिव पाई गई हैं. पांच पॉजिटिव संवासिनी जनपद आगरा, एटा, कन्नौज फिरोजाबाद व कानपुर के CWC (बाल कल्याण समिति) ने भेजा था. सातों संवासिनी सेल्टर होम आने से पहले ही गर्भवती थीं.
अफवाह फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई: SSP
वहीं इस ममले की जानकारी देते हुए एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि जब संवासिनी गृह में युवतियों को दाखिल किया जाता है तो मेडिकल टेस्ट के बाद पूरा रिकार्ड तैयार किया जाता है. वर्तमान में दोनों के कागजात रिकार्ड रूम में मौजूद है. कोरोना के कारण रिकार्ड रूम सील है. इस नाते उसकी जांच नहीं हो पाई. मेडिकल प्रोटोकॉल का पालन करते हुए जल्द ही रिकार्ड निकलवाकर जानकारी दी जाएगी.
एसएसपी ने बताया कि दोनों लड़कियां शेल्टर होम आने से पहले ही प्रेग्नेंट थीं. आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज है. एक लड़की कन्नौज तो दूसरी आगरा से आई थी. बेवजह मामले को गलत मोड़ दिया जा रहा है. एसएसपी ने कहा लोग इसे लेकर सोशल मीडिया पर भ्रमक सूचनाएं फैला रहे हैं जो गलत हैं और जो भी ऐसा कर रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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