BT Fact Check: यूपी में राशनकार्ड सरेंडर करने, निरस्तीकरण और रिकवरी का जारी हुआ आदेश! जानिए वायरल खबर की सच्चाई

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने रविवार को यह स्पष्ट किया कि प्रदेश में राशनकार्ड (Ration Card) सरेंडर करने अथवा उनके निरस्तीकरण के संबंध में कोई नया आदेश जारी नहीं किया गया है. सोशल मीडिया पर इस संबंध में प्रसारित भ्रामक व तथ्यों से परे खबरों का खंडन करते हुए उत्तर प्रदेश फैक्ट चैक के ट्विटर अकाउंट ने एक ट्वीट जारी कर कहा कि ‘सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर राशन कार्ड सरेंडर करने व वसूली को लेकर भ्रामक पोस्ट वायरल किए जा रहे हैं. इस संबंध में अवगत कराना है कि @UPGovt की ओर से राशन कार्ड सरेंडर व वसूली का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है.’

यूपी सरकार ने रविवार को साफ किया है कि प्रदेश में राशन कार्ड सरेंडर करने अथवा उनके निरस्तीकरण के सम्बन्ध में कोई नया आदेश जारी नहीं किया गया है. मीडिया पर इस संबंध में प्रसारित भ्रामक व तथ्यों से परे खबरों का खण्डन करते हुए राज्य के खाद्य आयुक्त सौरव बाबू ने कहा कि राशनकार्ड सत्यापन एक सामान्य प्रक्रिया है जो समय-समय पर चलती है.

उन्होंने कहा कि राशन कार्ड सरेंडर करने और पात्रता की नई शर्तों के संबंध में आधारहीन प्रचार हो रहा है. सत्यता यह है कि पात्र गृहस्थी राशनकार्डों की पात्रता/अपात्रता के सम्बन्ध में सात अक्टूबर, 2014 के शासनादेश के मानक निर्धारित किए गए थे जिसमें वर्तमान में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है.

उन्होंने कहा कि सरकारी योजनान्तर्गत आवंटित पक्का मकान, विद्युत कनेक्शन, एक मात्र शस्त्र लाइसेंस धारक, मोटर साइकिल स्वामी, मुर्गी पालन/गौ पालन होने के आधार पर किसी भी कार्डधारक को अपात्र घोषित नहीं किया जा सकता है. इसी प्रकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 तथा प्रचलित शासनादेशों में अपात्र कार्डधारकों से वसूली जैसी कोई व्यवस्था भी निर्धारित नहीं की गई है और रिकवरी के सम्बन्ध में शासन स्तर से अथवा खाद्यायुक्त कार्यालय से कोई भी निर्देश निर्गत नहीं किए गए हैं.

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