समाजवादी पार्टी की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति (Gayatri Prasad Prajapati) के घर और ऑफिस समेत कई अन्य ठिकानों पर बुधवार को प्रवर्दन निदेशालय की टीम द्वारा की गई छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट्स बरामद किए गए। जब इन डॉक्यूमेंट्स की गुरुवार को विस्तार से जांच पड़ताल की गई तो अधिकारियों के होश उड़ गए। ईडी की टीम ने गायत्री प्रजापति और उसके परिजनों के नाम करीब 44 से ज्यादा प्रॉपर्टी/जमीन से जुड़े दस्तावेज बरामद किए हैं, जिनकी अनुमानित कीमत करीब 3,790 करोड़ रूपये है।
जांच एजेंसी के अधिकारियों के मुताबिक, 3790 करोड़ रूपये की संपत्तियों को गलत तरीके से अर्जित किया गया है। लिहाजा इस मामले में आगे जांच एजेंसी विस्तार से जांच करने में जुट गई है। जानकारी के अनुसार, ईडी की टीम 30 दिसंबर की देर रात तक जब छापेमारी कर रही थी, उसी दौरान गायत्री प्रसाद प्रजापति और उसके चार्टेड एकाउंटेंट के आवास से करीब 100 से ज्यादा प्रोपर्टी-जमीन की रजिस्ट्री के दस्तावेज बरामद हुए।
बरामद रजिस्ट्री के मुताबिक लखनऊ, कानपुर, सीतापुर, अमेठी में कई प्रॉपर्टी को गलत तरीके से अर्जित करके उसका रजिस्ट्रेशन करवाया गया था। यानी खनन मामलों के मंत्री रहने के दौरान भ्रष्ट्राचार के माध्यम से जो अवैध पैसे कमाए गए, उसी पैसों से उन प्रॉपर्टी को खरीदा गया और उसका रजिस्ट्रेशन करवाया गया था।
इस मामले में ईडी की टीम मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज करके इस मामले की तफ्तीश कर रही। ईडी के मुताबिक, मुंबई में भी 4 विला प्रॉपर्टी से संबंधित दस्तावेज भी बरामद किया गया है, जिसकी अनुमानित कीमत करीब ढाई करोड़ प्रति विला है। इस प्रॉपर्टी को गायत्री प्रसाद प्रजापति के परिजनों के नाम से खरीदा गया था।
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गायत्री प्रजापति वैसे तो रेप के एक मामले में जेल में हैं लेकिन वह खनन घोटाले समेत कई अन्य आपराधिक मुकदमों में भी नामजद हैं। खनन घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई भी उनसे लंबी पूछताछ कर चुकी है। सीबीआई के मुकदमे को ही आधार बनाकर ईडी ने प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था।
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