उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और उन्नाव के साथ ही देशभर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के 6 कार्यायल में बम विस्फोट की धमकी (Bomb Blast Threat) देने वाले राज मोहम्मद (Raj Mohammad) आखिरकार स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम की सख्ती के बाद बड़ा राज खोला है।
राज मोहम्मद पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का सक्रिय सदस्य (Active Member of PFI) है। उसने एसडीपीआई (SDPI) के लिए काफी समय तक काम भी किया है। एसडीपीआई यानी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया इस्लामिक चरमपंथी संगठन पीएफआई की राजनीतिक शाखा है।
राज मोहम्मद को यूपी की एटीएस के इनपुट पर तमिलनाडु पुलिस ने एटीएस टीम के साथ 7 जून को पुदुकुदी से पकड़ा था। इसके बाद यूपी एटीएस ने राज मोहम्मद को अपनी रिमांड पर लिया था। एटीएश की टीमों ने उसे कई राउंड पूछताछ की। उसने एक व्हाट्सएप ग्रुप पर लखनऊ के साथ ही उन्नाव और कर्नाटक में आरएसएस के चार कार्यालयों को बम से उड़ाने की धमकी दी थी।
दरअसल, अल अंसारी इमाम रजी उन मेंहदी नाम के एक व्हाट्सएप ग्रुप पर कन्नड़, हिंदी और अंग्रेजी भाषा में यह धमकी दी गई है। अल इमाम अंसार रजी उन मेंहदी नाम के ग्रुप में आरएसएस कार्यकर्ता लखनऊ के अलीगंज निवासी प्रोफेसर नीलकंठ पुजारी इनवाइट लिंक के जरिए जुड़ गए। इसके बाद उन्हें यह मैसेज मिला।
इस ग्रप में जुड़ने के बाद उन्होंने देखा कि आरएसएस के कार्यालयों को बम से उड़ाने के तरीके पर चर्चा हो रही है। ऐसे में उन्होंने अवध प्रांत के पदाधिकारी को इसकी सूचना दी। मामले का संज्ञान लेते हुए अवध प्रांत के पदाधिकारी ने आरएसएस के बड़े पदाधिकारियों को जानकारी की, जिसके बाद पूरे मामले की जानकारी पुलिस के आला अधिकारियों से साझा की गई। प्रोफेसर ने मड़ियांव कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई।
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