राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में हुए हिंदू विरोधी दंगों (Anti Hindu Riots) की आरोपी व साजिशकर्ता सफूरा जरगर (Safoora Zargar) को जामिया मिलिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia) ने प्रवेश देने से मना कर दिया है। वहीं, इससे पहले सफूरा जरगर का जामिया में एमफिल में एडमिशन कैंसिल कर दिया गया था।
मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सफूरा जरगर को प्रदर्शन और मार्च करने की वजह से यूनिवर्सिटी ने बैन किया है। वहीं, जारी आदेश में कहा गया है कि ये पाया गया है कि सफूरा जरगर कैंपस में अप्रासंगिक और आपत्तिजनक मुद्दों पर बाहरी लोगों के साथ मिलकर शैक्षणिक संस्थान के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने के लिए प्रदर्शन, आंदोलन और मार्च कर रही हैं।
Jamia Milia Islamia bans Safoora Zargar, accused in Delhi Riots, from entering the University campus.
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— The Analyzer (@Indian_Analyzer) September 17, 2022
सफूरा जरगर मासूम छात्रों को भड़का रही हैं, कुछ अन्य छात्रों के साथ मिलकर पॉलिटिकल एजेंडे के लिए यूनिवर्सिटी प्लेटफॉर्म का प्रयोग कर रही हैं, संस्थान के कामकाज में बाधा उत्पन्न कर रही हैं। इसलिए, इन सबके मद्देनजर संबंधित अधिकारी, कैंपस में शांतिपूर्ण माहौल बनाने के लिए तुरंत प्रभाव से पूर्व छात्रा सफूरा जरगर को कैंपस से बैन किया जाता है।
नोटिस में सफूरा जरगर के बारे में साफ तौर पर लिखा है कि वो सीएए-एनआरसी के विरोध में दिल्ली में जो दंगे हुए उसकी आरोपी हैं। उनके ऊपर यूएपीए लगा हुआ है। कोर्ट ने उन्हें मानवीय आधार पर बेल दी थी। यूनिवर्सिटी ने उनका नाम एम फिल प्रोग्राम से कैंसिल कर दिया था।
बीते दिनों सफूरा के एडमिशन कैंसिल होने की बात सामने आई थी, जिसे लेकर प्रदर्शन भी हुए थे। ये प्रदर्शन जामिया के छात्रों ने किए थे। इस दौरान ‘आरएसएस की कब्र खुदेगी, जामिया की धरती पर’ और ‘एबीवीपी की कब्र खुदेगी, जामिया की धरती पर’ जैसे भड़काऊ नारे भी लगाए गए थे। ऐसा तब हुआ था जब थीसिस जमा न करने की वजह से उनका एडमिशन कैंसिल हुआ।
यही नहीं, सफूरा जरगर इस मुद्दे को सोशल मीडिया पर ले आईं और दावा किया कि उनसे शिक्षा का अधिकार छीना जा रहा है। उन्होंने शिक्षकों पर धोखेबाजी और बेईमानी का आरोप भी लगाया था।
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