उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बिजनौर में विशेष MP-MLA कोर्ट ने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के विधायक मनोज पारस (Manoj Paras) की जमानत याचिका खारिज कर दी है। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। यह मामला वर्ष 2020 से जुड़ा है, जिसमें विधायक पर जानलेवा हमले का आरोप लगाया गया था। बुधवार को जज शांतनु त्यागी की अदालत में इस याचिका पर सुनवाई हुई थी।
वर्ष 2020 की घटना, चाकू से हमले का आरोप
यह मामला 29 सितंबर 2020 को बिजनौर के झालू रोड का है, जहां गांव रसीदपुर गढ़ी के निवासी छतर सिंह ने विधायक मनोज पारस और कुछ अन्य सपा नेताओं पर चाकू से हमला करने का आरोप लगाया था। इस गंभीर आरोप के आधार पर पुलिस ने केस दर्ज किया और बाद में कोर्ट ने मनोज पारस के खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किए।
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कोर्ट में पेश हुए विधायक, नहीं मिली राहत
मंगलवार को विधायक मनोज पारस कोर्ट में पेश हुए और उन्होंने जमानत की अर्जी लगाई। सरकारी पक्ष की ओर से अतिरिक्त जिला सरकारी वकील जितेंद्र चौहान ने मामले की गंभीरता का हवाला देते हुए जमानत का विरोध किया। सुनवाई के बाद अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी, जिससे विधायक को बड़ा झटका लगा।
राजनीतिक हलचल तेज, सपा की चिंता बढ़ी
विधायक की गिरफ्तारी के बाद इलाके में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के लिए यह मामला एक बड़ी चुनौती बन गया है, क्योंकि वर्तमान में मनोज पारस पार्टी के सक्रिय और प्रभावशाली नेताओं में से एक हैं। अब यह देखना होगा कि पार्टी इस कानूनी संकट से निपटने के लिए क्या रुख अपनाती है।