भारत की इकोनॉमी को सुपरचार्ज करेगा अदाणी ग्रुप, 5 साल में होगा 5 लाख करोड़ का निवेश

एशिया के दूसरे सबसे अमीर कारोबारी गौतम अदाणी ने अगले पांच वर्षों में अपने व्यापारिक साम्राज्य के लिए बड़ा मास्टर प्लान जारी किया है। इस योजना के तहत हर साल एक लाख करोड़ रुपए से अधिक खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है। इसका मतलब है कि अगले पांच वर्षों में अदाणी ग्रुप 5 लाख करोड़ रुपए यानी करीब 57.16 बिलियन डॉलर खर्च करेगा। इसके लिए अदाणी ने इक्विटी बेचकर 12.5 बिलियन डॉलर से अधिक जुटाने की योजना बनाई है।

कैसे होगा खर्च?

अदाणी ग्रुप के ग्रुप सीएफओ, जुगेशिंदर सिंह के मुताबिक, अगले पांच वर्षों में औसत कैपेक्स 1 लाख करोड़ रुपए से थोड़ा अधिक होगा। इस दौरान हर साल औसतन 2.5 अरब डॉलर की इक्विटी जुटाने की योजना है।यह फंड राइट्स इश्यू या क्यूआईपी (योग्य संस्थागत प्लेसमेंट) के माध्यम से जुटाए जाएंगे।

Also Read – ‘अदाणी ने आपको छोड़ा, आपने नहीं, उनके जाने से दुनिया में गलत मैसेज गया…’, श्रीलंकाई सांसद ने अपनी ही सरकार को खूब सुनाया

मुख्य क्षेत्रों में खर्च

अदाणी ग्रुप का ध्यान मुख्य रूप से ग्रीन एनर्जी, बिजली और पावर ट्रांसमिशन, एयरपोर्ट और पोर्ट पर रहेगा। अगले पांच वर्षों में ग्रुप के कुल कैपेक्स का 85 फीसदी इन क्षेत्रों पर खर्च किया जाएगा। बाकी 15 फीसदी मेटल, सामग्री, तांबा और खनन जैसे अन्य क्षेत्रों में निवेश किया जाएगा।

अदाणी ग्रुप की मजबूत वित्तीय स्थिति

अदाणी ग्रुप ने 2019 से 2024 के बीच इक्विटी में 13.8 बिलियन डॉलर जुटाए हैं, जो कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के बाद किसी भारतीय ग्रुप की सबसे बड़ी फंड रेजिंग है। इसके साथ ही 30 सितंबर 2024 तक अडानी के पास 53,024 करोड़ रुपए कैश था। यह ग्रुप के कुल कर्ज का 20.5 फीसदी है।

Also Read -Adani Group Tax Report: ‘राष्ट्र निर्माण’ में अदाणी ग्रुप की बड़ी भूमिका, 2023-24 में सरकार को दिया 58,104 करोड़ का टैक्स

2028 तक एबिटा और कैश फ्लो में वृद्धि की उम्मीद

अदाणी ग्रुप ने अनुमान लगाया है कि 2028-29 तक एबिटा का नेट लोन तीन गुना हो जाएगा और एनुअल कैश फ्लो लगभग 1.7 लाख करोड़ रुपए तक बढ़ जाएगा।

बैंकिंग सेक्टर पर असर

जैसे-जैसे अदाणी ग्रुप के बिजनेस में विस्तार हो रहा है, घरेलू बैंकों का जोखिम बढ़ेगा जबकि विदेशी लेंडर्स का जोखिम घटेगा। अदाणी ग्रुप के सीएफओ सिंह के अनुसार, वर्तमान में 40% बैंकिंग वैश्विक पूंजी से है, 40% घरेलू है, और शेष 20% प्रोजेक्ट फेज के आधार पर ट्रांसफर होता है। कैपिटल एक्सपेंडिचर में वृद्धि के साथ घरेलू एक्सपोजर 50% तक बढ़ने की संभावना है।अदाणी ग्रुप का कुल कर्ज की बात करे तो सितंबर 2024 तक अदाणी ग्रुप का कुल कर्ज 2.58 लाख करोड़ रुपए था, जिसमें से घरेलू बैंकों का हिस्सा 42% और वैश्विक बैंकों का हिस्सा 27% था।

Also Read – महाकुंभ में अदाणी ग्रुप और इस्कॉन की ‘महाप्रसाद सेवा’, लाखों श्रद्धालुओं को मिलेगा नि:शुल्क भोजन

एकाधिकार जैसे रिटर्न

अदाणी ग्रुप का इन्फ्रास्ट्रक्चर मॉडल, जहां रेवेन्यू का केवल 5-6% रखरखाव के लिए खर्च होता है, एकाधिकार जैसा रिटर्न देता है। अन्य बड़े कैपेक्स वाले बिजनेस, जैसे बुनियादी ढांचे और मैन्युफैक्चरिंग में आमतौर पर 30-40% खर्च होता है, लेकिन अदाणी का मॉडल लंबे समय में बेहतर रिटर्न देने का दावा करता है।गौतम अदाणी का पांच साल का मास्टर प्लान एक बड़ा निवेश और व्यावसायिक विस्तार का प्रतीक है। इसमें भारी कैपेक्स और इक्विटी जुटाने की योजना के साथ ही अदाणी ग्रुप का वित्तीय मॉडल दीर्घकालिक विकास और लाभ के लिए तैयार है।

(देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं.)