अखिलेश यादव ने पूछा- केंद्र सरकार बस इतना बता दे कि 20 लाख करोड़ के ‘महापैकेज’ में गरीबों के लिए कितना?

समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh yadav) ने केंद्र सरकार द्वारा दिये जा रहे पैकेज पर सवाल उठाए हैं। सपा अध्यक्ष ने शनिवार को ट्वीट करते हुए कहा कि सरकार बस इतना बता दे कि 20 लाख करोड़ के तथाकथित ‘महापैकेज’ में कितना गरीब के लिए है कितना किसान, दिहाड़ी-प्रवासी मजदूर, छोटे व्यापारी, खुदरा कारोबारी, रेड़ी-ठेले-पटरीवाले व अन्य मजबूरों के लिए है। समाज को बांटने में माहिर लोग कृपया करके इस आर्थिक बंटवारे का हिसाब भी दे दें।


बता दें कि समाजवादी पार्टी ने मुजफ्फरनगर के सिसौली में गन्ना आपूर्ति न होने पर आत्महत्या करने वाले किसान के परिवार की एक लाख रुपये की मदद की है। सपा ने प्रदेश सरकार से पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये सहायता देने की मांग की है। सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा की गलत नीतियों के चलते उसके पिछले 6 सालों के कार्यकाल में किसान व व्यापारी बुरी तरह लुटे-पिटे हैं।


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अखिलेश यादव (Akhilesh yadav) ने कहा कि किसान आत्महत्या कर रहे हैं और भाजपा अपनी हवाई उपलब्धियों का जश्न मना रही है। मानवीय संवेदना के साथ ऐसा क्रूर मजाक भाजपा नेतृत्व ही कर सकता है। प्रदेश के गन्ना मंत्री के विधानसभा क्षेत्र से सटे बुढ़ाना विधानसभा क्षेत्र के सिसौली कस्बे में 55 वर्षीय किसान ओमपाल का गन्ना खतौली चीनी मिल ने लेने से मना कर दिया था। उसके 6 बच्चे हैं, घर की माली हालत खराब है। लॉकडाउन में दशा और बिगड़ी तो अवसाद में आकर उसने आत्महत्या कर ली। ओमपाल का तीन बीघा गन्ना खेत में खड़ा है।


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उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों का चीनी मिलों पर 20 हजार करोड़ रुपये बकाया है। किसान अपनी ट्रैक्टर ट्रॉली में गन्ना लिए मिल गेट के बाहर लाइन में खड़े-रहने को मजबूर हैं। खेत में खड़े गन्ने को जलाने के अलावा किसान के पास दूसरा विकल्प नहीं है क्योंकि चीनी मिलें अपने क्रय केंद्र उखाड़ रही हैं। उन्होंने कहा, किसान अपनी बर्बादी की कहानी किससे कहें, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को केवल घोषणाएं करके जिम्मेदारियों से मुक्त हो जाते हैं।


बता दें कि अखिलेश यादव (Akhilesh yadav) लॉकडाउन की वजह से बेरोजगार हुए प्रवासी मजदूरों की हालत, चीन और नेपाल के साथ चल रहे विवाद को लेकर भी लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर रहे हैं।


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