सीएम के नाम से ‘योगी’ हटाने की लगाई थी याचिका, कोर्ट ने खारिज करके लगाया 1 लाख का जुर्माना

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के नाम से ‘योगी’ हटाने की मांग इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) के सामने रखी गई थी. इसको लेकर हाई कोर्ट ने सुनवाई की और याचिका खारिज कर दी. इसी के साथ कोर्ट ने याची पर एक लाख रुपये का हर्जाना भी लगाया है और 6 हफ्ते में रकम जमा करने के निर्देश दिए हैं. बता दें, यह आदेश जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस पीयूष अग्रवाल की बेंच ने दिए हैं.

याचिका में कहा गया था कि कई नामों के कारण प्रदेश के करोड़ों की जनता के बीच संशय बना रहता है कि मुख्यमंत्री का नाम क्या है. कहा गया था कि चुनाव में नामांकन के समय आदित्यनाथ पुत्र अवैद्यनाथ लिखा गया, जबकि चीफ सेक्रेटरी के ट्विटर हैंडल पर महंत योगी आदित्यनाथ जी महाराज लिखा है. कहा गया कि कहीं अजय सिंह बिष्ट तो कहीं आदित्यनाथ योगी इस प्रकार कई नामों की वजह से जनता के बीच नामों को लेकर दुविधा की स्थिति बनी रहती है. मांग की गई थी कि कोर्ट सरकार को सही नाम ही लिखने का निर्देश जारी करें.

सरकार की तरफ से कहा गया कि जनहित याचिका पोषणीय नहीं है. आदित्यनाथ को प्राइवेट कैपेसिटी से पक्षकार बनाया गया है. इस कारण किसी प्राइवेट व्यक्ति के खिलाफ याचिका पोषणीय नहीं है. हाईकोर्ट रूल्स के मुताबिक याची ने अपना क्रेडेंशियल स्पष्ट नहीं किया है इस कारण भी याचिका खारिज किए जाने योग्य है. अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कहा की याची ने सस्ती लोकप्रियता के उद्देश्य से जनहित याचिका दाखिल की है. इस कारण भी यह खारिज किए जाने योग्य है. याचिका में योगी आदित्यनाथ के अलावा भारतीय चुनाव आयोग, भारत संघ, चीफ सेक्रेट्री उत्तर प्रदेश को भी पक्षकार बनाया गया था.

बहरहाल, कोर्ट में जब इसको लेकर सुनवाई हुई तो जज ने इस याचिका को कोर्ट का समय बर्बाद करने वाली बताया और जुर्माने के तौर पर याची को एक लाख रुपये भरने के लिए कहा. साथ ही याचिका खारिज कर दी गई.

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