हाल ही में सोशल एक सिपाही को निलंबित करने का लेटर वायरल हो रहा है. जिसका काफी विरोध हो रहा है. दरअसल, सिपाही पर आरोप है कि उसने भ्रामक तत्व दिखाकर अवकाश लिया था. जिसके चलते जिले की एसपी ने उसे सस्पेंड कर दिया. जिसके बाद अराजपत्रित पुलिस वेलफेयर ने इस मामले में एसपी की शिकायत डीजीपी, मुख्यंमंत्री से की है. इसके साथ ही एसपी पर उनके पद का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है.
ये है पूरा
जानकारी के मुताबिक, अमरोहा जिले की सोशल मीडिया सेल में नियुक्ति के दौरान आरक्षी प्रदीप कुमार पर वरिष्ठ अधिकारियों के मना करने के बाद भी सीओ लाइन को भ्रामक तथ्य प्रस्तुत कर अवकाश लेने का आरोप है. अफसरों की मानें सिपाही की इस गलती के बाद एसपी सुनीति ने उसे तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया था. ऐसा कहा किसान आंदोलन के दृष्टिगत अवकाश लेना गंभीर आरोप माना गया है. फिलहाल, सिपाही को सस्पेंड कर पुलिस लाइन से संबद्ध किया गया है लेकिन, सिपाही निलंबन प्रकरण तूल पकड़ने लगा है. सोशल मीडिया पर लोग सिपाही के निलंबन को गलत बता रहे हैं.
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एसपी पर कार्रवाई की मांग
इस लेटर के वायरल होने के बाद रक्षक कल्याण ट्रस्ट द्वारा संचालित अराजपत्रित पुलिस वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बृजेंद्र सिंह यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री गृहमंत्री और डीजीपी को पत्र लिखकर प्रकरण से अवगत कराया है. इस शिकायत में ये आरोप लगाया गया है कि एसपी ने नियम विरुद्ध तरीके से पद और पावर का दुरुपयोग करते हुए सिपाही को निलंबित किया है. कहा कि अवकाश लेना सिपाही का मौलिक अधिकार है. यह कार्रवाई उसके मौलिक अधिकारों का हनन करना है. इसलिए सिपाही को तत्काल बहाल किया जाए. इसके साथ ही अपने पद का गलत इस्तेमाल करने वाली कप्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग हुई है
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