‘मेरे शलभ भइया लंबी उम्र जिएं, सारी बहनों को ऐसा भाई मिले’…बीजेपी विधायक ने गरीब महिला रिक्शा चालक के लिए किया कुछ ऐसा कि भर-भर के दे रहीं दुआएं

कहते हैं संबंध बनाने तो आसान होता है लेकिन उन्हें बरकरार रखना बहुत मुश्किल, कुछ गिने चुने लोग ही रिश्तों को निभा पाते हैं, उनमें एक हैं देवरिया से बीजेपी विधायक डॉ. शलभ मणि त्रिपाठी (Dr Shalabh Mani Tripathi) देवरिया से एक महिला रिक्शा चालक का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वो भाजपा विधायक डॉ. शलभ मणि त्रिपाठी के लिए भर-भर के दुवाएं दे रहीं हैं. महिला का कहना है कि हर बहन को शलभ मणि त्रिपाठी जैसा भाई मिले, मैं अपने शलभ भइया के अलावा कभी किसी को राखी नहीं बांधूंगी. मेरे शलभ भइया अमर रहें.

जानें पूरा मामला

बीते विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी शलभ मणि त्रिपाठी काफी चर्चा में रहे, कारण था सुबह अखबार बांटने वाली और दिन में ई-रिक्शा चलाने वाली निशा तिवारी का प्रस्तावक बनाया जाना. निशा तिवारी ने शलभ मणि त्रिपाठी के नामांकन का प्रस्ताव रखा तो भाजपा नेता ने भी महिला चालक को बहन मानकर सुरक्षा का वचन दिया. चुनाव में भारी बहुमत मिला, शलभ देवरिया से विधायक बन गए. इसी बीच निशा तिवारी के घर में किसी को गंभीर बीमारी लग गई जिसके चलते वे रिक्शा का किराया मालिक को नहीं दे पाईं और रिक्शा जमा हो गया. बताया जा रहा है कि निशा तिवारी को रिक्शा चलाने की एवज मे रोजाना 350 रूपए देने होते थें, जिसे चुकाने में वे नाकाम रहीं.

ई-रिक्शा निशा तिवारी की रोजी-रोटी का साधन था, जिसे चलाकर वे अपने परिवार का पेट भरतीं थीं लेकिन रिक्शा जमा होने के कारण परिवार के ऊपर दो वक्त की रोटी संकट मंडराने लगा. महिला चालक चाहतीं तो अपने विधायक भाई से कुछ मांग सकतीं थी लेकिन स्वाभिमानी निशा तिवारी ने मांगना उचित नहीं समझा. दूसरी तरफ शलभ मणि त्रिपाठी को जानकारी मिली कि जिसे उन्होंने अपनी बहन माना था आज उसपर आर्थिक संकट आ गया तो उन्होंने अपने सब काम छोड़ दिए, और नया ई-रिक्शा खरीदकर निशा तिवारी के घर पहुंचे. नया चमचमाता रिक्शा देखकर निशा की आंखें भर आईं. जैसे उनका बरसों को सपना पूरा हो गया हो.

निशा तिवारी ने धन्यवाद देते हुए कहा कि आज मेरे शलभ मणि त्रिपाठी भइया ने मेरे सपने को पूरा कर दिया. सारी बहनों को ऐसे भाइयों से रिश्ता जोड़ना चाहिए जो दर्द को समझें. भाई तो सबके होते हैं लेकिन दर्द कोई नहीं समझता है. मेरा भाई अमर रहे. मैं हमेशा शलभ मणि त्रिपाठी को ही राखी बांधूंगी, इनके अलावा किसी नहीं बांधूंगी. मैं चाहती हूं कि सारे बहनों को शलभ भइया जैसे ही भाई मिलें, जो हर सुख-दुख में बहन के साथ हमेशा खड़े रहें.

शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि निशा तिवारी को उन्होंने अपना प्रस्तावक बनाया था, पूरे चुनाव के दौरान उन्होंने मुझे कभी अपनी परेशानियों के बारे में नहीं बताया, अभी दो दिन पहले ही पता चला कि वो जो रिक्शा चलाती थीं किराए पर चलाती थीं, कुछ समस्या के चलते वो किराए पर रिक्शा नहीं ले पा रहीं थीं. मैने निशा को अपनी बहन माना है इसीलिए मुझे लगा कि उनकी परेशानियों में साथ खड़ा होना चाहिए इसलिए मैनें उन्हें एक नया ई-रिक्शा तोहफे में दिया है, ताकि उन्हें किराए पर रिक्शा न लेना पड़ा. बीजेपी विधायक ने कहा कि यह ई-रिक्शा किसी विधायक ने नहीं बल्कि एक भाई ने दिया है, मैनें इसे अपनी निजी धनराशि से खरीदा है. अगर मेंरे छोटे से योगदान से उनका जीवन संवरता तो मैं इसे अपना सौभाग्य मानूंगा.

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