उदित राज के बयान पर बरसे डॉ. निर्मल, कहा- कुंभ दलितों का महापर्व, तुरंत मांगे माफी

असम में सरकारी मदरसे को बंद करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस मसले पर कांग्रेस नेता उदित राज (Udit Raj) ने कहा कि असम सरकार ने सरकारी फंड से मदरसे न चलाने का निर्णय किया है उसी तरह यूपी सरकार को कुंभ (Kumbh) मेले के आयोजन पर 4200 करोड़ रुपये नहीं खर्च करने चाहिए, कांग्रेस नेता के बयान पर बहुत बवाल हुआ जिसके चलते उन्हें ट्वीट डिलीट करना पड़ा. उदित राज के बयान पर अब यूपी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के चेयरमैन डाॅ. लालजी प्रसाद निर्मल (Dr Lalji Prasad Nirmal) ने माफी की मांग की है.


​डा. निर्मल ने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता उदित राज ने महाकुम्भ की आलोचना कर देश के दलितों की आस्था का भी अपमान किया है. कुम्भ को लेकर दलितों की सदैव आस्था रही है और महाकुम्भ में दलितों की सबसे बड़ी भागीदारी भी रहती है. उदित राज का यह बयान कांग्रेस की नीतियों का द्योतक है कि वह हिन्दू धर्म और उसकी संस्कृति के बारे में कितनी अप-सोंच रखती है. ये बातें आज डाॅ0 लालजी प्रसाद निर्मल ने कही.


यूपी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के चेयरमैन ने कहा कि महाकुम्भ ऐतिहासिक रहा है. महाकुम्भ में जहां अखाड़ा परिषद की ओर से दलित संत को महामण्डलेश्वर की उपाधि दी गयी. वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दलित सफाई कर्मियों के पैर धोकर देश के सभी दलितों को सम्मान देने का काम किया गया.


​डा. निर्मल ने कहा कि उदित राज ने अपने 5 वर्षों के कार्यकाल में दलितों के मुद्दों पर अपना मुंह तक नहीं खोला. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाबा साहेब डाॅ. आम्बेडकर को वैश्विक सम्मान दिलवाया. लन्दन स्थिति डाॅ. आंबेडकर का आवास नीलाम होने से बचाकर उसे स्मारक के रूप में विकसित किया. डाॅ0 आंबेडकर से जुड़े पंच तीर्थों यथा जन्मस्थल महू, शिक्षा स्थल 10 किंग्स हेनरी रोड लंदन, दीक्षा स्थल नागपुर, निर्वाण स्थल 26 अलीपुर रोड दिल्ली और चैत्यभूमि मुंबई को भव्य स्मारकों का स्वरूप दिया.


​उन्होंने कहा कि इसी प्रकार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार ने बाबा साहेब डाॅ0 आंबेडकर की फोटो को प्रदेश के सभी कार्यालयों में लगवाया और प्रदेश में दलित उत्पीड़न पर दोषियों के विरूद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की. इतना ही नहीं बल्कि पहली बार दलितों के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए योजनाएं चलाकर उन्हें रोजगार से जोड़ने का कार्य किया.


​डाॅ. निर्मल ने कहा कि उदित राज टिकट के लिए राजनीति करते हैं. वह टिकट के लिए भारतीय जनता पार्टी में आये थे, टिकट न मिलने पर कांग्रेस में चले गये फिर जब कांग्रेस टिकट नहीं देगी तब वह किसी ओवैसी की पार्टी में चले जायेंगे. उदित राज को आत्मचिंतन करना चाहिए कि उन्होंने अपने पूरे कार्य अवधि में दलितों के लिए क्या कोई एक भी कार्य किया है. डाॅ. निर्मल ने कहा कि सच्चाई यह है कि उदित राज ग्राम प्रधान का चुनाव भी नहीं जीत सकते. अगर भारतीय जनता पार्टी ने टिकट न दिया होता तो वह कभी लोकसभा नहीं पहंच पाते.


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