पुलवामा हमले में शहीद 40 जवानों की जाति को लेकर एक पत्रिका में छपी रिपोर्ट पर सीआरपीएफ ने कड़ी नाराजगी जताई है. दुनिया के सबसे बड़े अर्द्धसैन्य बल ने अपने मुख्य प्रवक्ता के टि्वटर हैंडल के जरिये कहा है, “सीआरपीएफ में हमारी पहचान भारतीय के तौर पर है…जाति-धर्म मायने नहीं रखता.”
मुख्य प्रवक्ता और उप महानिरीक्षक (डीआईजी) एम. दिनाकरण ने ट्वीट किया, “सीआरपीएफ में हमारी पहचान भारतीय के तौर पर है…जाति, रंग और धर्म का यह दयनीय विभाजन हमारे खून में मौजूद नहीं है.”

उन्होंने खबर को भी टैग करते हुए कहा कि शहीदों का अपमान नहीं करना चाहिए. रिपोर्ट में आंकड़ों के रूप में इस्तेमाल कर उनका अपमान नहीं करना चाहिए.
सीआरपीएफ ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा था कि वह जम्मू-कश्मीर में भयावह आतंकी हमले में शहीद हुए अपने 40 जवानों की शहादत को न तो भूलेगा और न ही माफ करेगा बल्कि इसका बदला लेगा. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था, “हम पुलवामा हमले में शहीद हुए अपने जवानों को सलाम करते हैं और शहीद भाइयों के परिवारों के साथ खड़े हैं. इस क्रूर हमले का बदला लिया जाएगा.
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