देश की राजधानी दिल्ली के लाल किले पर हुई हिंसा (Red Fort Violence) को लेकर दिल्ली पुलिस (Delhi Police) द्वारा फाइल की गई चार्जशीट (Charge Sheet) में हैरान कर देने वाली बातें सामने आई हैं। इसमें कहा गया है कि 26 जनवरी के दिन किसान लाल किले पर कब्जा करके उसे नया प्रदर्शनस्थल बनाने की फिराक में थे। पुलिस ने कहा कि पहले से की गई प्लानिंग के अनुसार किसान लाल किले में बड़ी संख्या में घुसे और घंटों इसके प्रांगण में रहे। किसानों ने इस काम के लिए 26 जनवरी का दिन इसलिए चुना था ताकि वह मोदी सरकार को विश्वव्यापी तौर पर बदनाम कर सकें।
3000 पन्नों की चार्जशीट में चौंकाने वाली बातें
पुलिस के मुताबिक, इसके लिए नवंबर-दिसंबर में ही प्लान तैयार कर लिया गया था क्योंकि हरियाणा और पंजाब से बड़ी संख्या में ट्रैक्टर लाए गए थे। दिल्ली पुलिस ने इससे जुड़े डाटा भी चार्जशीट में पेश किए हैं। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले पर हिंसा फैलाने के मामले में अभिनेता दीप सिद्धू, इकबाल सिंह, मनिंदर मोनी और खेमप्रीत सहित 16 लोगों के खिलाफ तीस हजारी अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था।
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पुलिस ने सभी पर देशद्रोह, दंगा करना, हत्या की कोशिश और डकैती जैसी गंभीर धाराएं लगाई हैं। पुलिस ने इस मामले में दीप सिद्धू और लक्खा सिधाना को लाल किले की हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता बताया है। इसमें कई बड़े किसान नेताओं के नाम भी शामिल हैं। तीस हजारी अदालत स्थित डयूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष दायर आरोपपत्र में पुलिस ने तर्क रखा है कि मामले की जांच जारी है और नए तथ्य सामने आने पर इस मामले में पूरक आरोपपत्र भी दायर किया जा सकता है।
करीब तीन हजार पृष्ठों के आरोप पत्र में संबंधित गवाहों के बयानों, दस्तावेज के अलावा 250 पृष्ठ में ऑपरेशनल पार्ट शामिल है। ऑपरेशनल पार्ट में यह दर्शाया गया है कि किस प्रकार इस पूरी साजिश को रचा व अंजाम दिया गया। इस मामले में लक्खा सिधाना सहित छह अन्य आरोपी अभी भी फरार चल रहे हैं। अदालत इस आरोपपत्र पर 28 मई को विचार करेगी।
ट्रैक्टर रैली की आड़ में दंगे की साजिश
पुलिस ने चार्जशीट में लाल किले पर हुई हिंसा को प्री प्लांड बताया है। पुलिस ने कहा कि जांच में पाया गया कि इस हिंसा की पहले से ही तैयारी थी। इसे अचानक हुई हिंसा कहना गलत है, क्योंकि दंगाई हथियारों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे थे। उनके पास तलवार, हॉकी, डंडे जैसे हथियार थे। इन्होंने वहां जमकर उपद्रव मचाया। पुलिस के अनुसार, ट्रैक्टर रैली की आड़ में इस हिंसा को अंजाम दिया गया।
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पुलिस ने किसानों को शांतिपूर्ण तरीके से ट्रैक्टर रैली करने की अनुमति दी थी, लेकिन ट्रैक्टर के साथ मोटरसाइकिल पर सवार होकर करीब तीन सौ उपद्रवी वहां पहुंचे थे। वहां उन्होंने लाल किले के अंदर बलपूर्वक प्रवेश कर जमकर उत्पात मचाया। एक समय तो ऐसा आया कि दंगाइयों ने लाल किले पर कब्जा कर लिया था।
दंगाइयों ने सुरक्षाकर्मियों पर किया था जानलेवा हमला
पुलिस ने चार्जशीट में तर्क रखा है कि यह किसी भी हाल में मुमकिन नहीं है कि बिना किसी साजिश के ऐसा करना संभव हो पाता। साजिश इतनी बड़ी थी कि कोई अंदाजा ही नहीं लगा पाया कि किसान रैली की आड़ में दंगा किया जाएगा। चार्जशीट में पुलिस ने कहा कि यह सुनियोजित घटना थी, यह इससे भी पता चलता है कि दंगाइयों ने सुरक्षाकर्मियों पर जानलेवा हमला किया।
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इस बाबत पुलिस ने विभिन्न स्तर पर जांच कर 43 एफआईआर दर्ज की हैं। वहीं, अबतक 150 गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं। मामले में दीप सिद्धू के अलावा, वांटेड मनिंदर सिंह को दिल्ली पुलिस की स्पेश सेल ने गिरफ्तार किया है। उसे 26 जनवरी को हिंसा भड़कने पर दोनों हाथों से तलवारे लहराते देखा गया था।
26 जनवरी के दिन मनिंदर सिंह द्वारा लाल किले पर लहराई गई 4.3 फीट आकार की दो तलवारों को भी दिल्ली के स्वरूप नगर स्थित उसके घर से बरामद किया गया था। उसे घटना वाले दिन लाल किले की प्राचीर पर दो तलवारें लहराते हुए एक वीडियो में देखा गया था, जब प्रदर्शनकारी किले की ओर दौड़े थे। इस मामले में कई आरोपी अब भी गिरफ्त में नहीं आए पाए हैं। पुलिस घटना के सीसीटीवी फुटेज, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो बतौर साक्ष्य पेश किए हैं।
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