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संतकबीरनगर में आशा कर्मियों के निजी अस्पतालों में डिलीवरी कराने पर विभाग सख्त, कंट्रोल रूम से खंगाली जाएगी डिटेल

यूपी के संतकबीरनगर जनपद में संस्थागत प्रसव में हो रही गिरावट को लेकर स्वास्थ्य विभाग अब गंभीर हो गया है। आशा कर्मियों द्वारा गर्भवती महिलाओं के निजी अस्पताल में डिलीवरी कराने पर सख्ती निपटने के लिए सभी ब्लाकों में सीएचसी अधीक्षक के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम का गठन किया है। इसमें एक महिला सदस्य शामिल हैं।  वहीं, इनकी डिटेल को अब कंट्रोल रूम से भी खंगालने का निर्देश दिया गया है।

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निजी अस्पतालों से संपर्क रखने वाली आशाओं की टीम तैयार करेगी लिस्ट

स्वास्थ्य विभाग द्वारा नामित टीम अपने-अपने क्षेत्र में नियमित भ्रमण करते हुए निजी अस्पतालों से संपर्क रखने वाली आशा कर्मियों की सूची बनाएगी। यदि किसी आशा कर्मी द्वारा निजी अस्पताल में प्रसव कराने का मामला सामने आया तो संबंधित कर्मी पर कार्रवाई होगी। इसकी रिपोर्ट मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय को सौंपेगी। ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति के माध्यम से निष्कासन की प्रक्रिया पूर्ण करते हुए कार्यालय में जिला कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर को समस्त दस्तावेज प्राप्त कराना सुनिश्चित करेंगी। जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में कार्रवाई की संस्तुति प्रस्तुत की जाएगी।

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प्रत्येक माह की 15 तारिख को देनी होगी आख्या: सीएमओ

सीएमओ डा. रामानुज कन्नौजिया ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के लिए संस्थागत प्रसव में वृद्धि किया जाना है। शासन की मंशा के विपरीत जनपद में संस्थागत प्रसव में निरंतर कमी आ रही है। आशा कर्मियों की गतिविधियों की निगरानी के लिए प्रत्येक ब्लाक इकाई स्तर पर निगरानी समिति का गठन कर दिया गया है। ब्लाक स्वास्थ्य इकाई पर स्थापित कंट्रोल रुम से भी इसकी जानकारी ली जाएगी। गठित टीम अपनी आख्या प्रत्येक माह 15 तारीख को देगी। अवकाश की स्थिति में अगले दिवस में इसे देना होगा।

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