यूपी की योगी सरकार ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने के एक प्रस्ताव को मंगलवार को मंजूरी दे दी है. अबसे इलाहाबाद का नाम अब आधिकारिक रूप से प्रयागराज हो गया है. जबसे योगी सरकार बनी है इलाहाबाद के नाम बदलने को लेकर चर्चाएँ चल रहीं थी. कई बार संतों ने सीएम योगी से नाम बदलने को लेकर कई प्रस्ताव दिए. जिसे कैबिनेट बैठक में योगी सरकार ने मंजूरी दे दी है. योगी कैबिनेट ने इसके अलावा 11 अन्य अहम फैंसलों को भी मंजूरी दी है.
ऐसा नहीं है कि यह मांग कोई पहली बार की गयी थी इसे पुन: प्रयागराज नाम देने के लिए समय-समय पर आवाज उठती रही है. भारतरत्न महामना मदनमोहन मालवीय ने अंग्रेजी शासनकाल में सबसे पहले यह आवाज उठाई थी जिसके बाद में अनेक संस्थानों ने समय-समय पर यह मांग दोहराई गयी.
गौरतलब है मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा था कि 2019 में आयोजित होने वाले कुंभ मेला से पहले शहर का नाम बदलकर प्रयागराज करने का एक प्रस्ताव है. बता दें शहर का नाम बदलने के साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी का नाम भी बदल जाएगा. गौरतलब है कि अगले साल होने वाले कुंभ से पहले इलाहाबाद चर्चा का केंद्र बना हुआ है. योगी सरकार कुंभ को लेकर बड़े पैमाने पर तैयारी कर रही है, शहर में जीर्णोद्धार का काम युद्ध स्तर पर जारी है.
बता दें इलाहाबाद का असली नाम नाम प्रयागराज ही था. लेकिन अकबर के शासनकाल में इसे बदलकर अल्लाहाबाद बाद कर दिया गया था जो कालान्तर में इलाहाबाद हो गया. इतिहासकारों के अनुसार अकबरनामा और आईने अकबरी व अन्य मुगलकालीन ऐतिहासिक पुस्तकों से ज्ञात होता है कि अकबर ने सन 1574 के आसपास प्रयागराज में किले की नींव रखी थी. ऐसा नहीं है कि यह मांग कोई पहली बार की गयी थी इसे पुन: प्रयागराज नाम देने के लिए समय-समय पर आवाज उठती रही है. भारतरत्न महामना मदनमोहन मालवीय ने अंग्रेजी शासनकाल में सबसे पहले यह आवाज उठाई थी जिसके बाद में अनेक संस्थानों ने समय-समय पर यह मांग दोहराई गयी.
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