मुलैठी, जिसे “Licorice” भी कहा जाता है, एक औषधीय पौधा है जिसका उपयोग प्राचीन काल से स्वास्थ्य के विभिन्न लाभों के लिए किया जाता रहा है। इसमें कई प्राकृतिक तत्व होते हैं जो स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। आइए, विस्तार से जानते हैं कि मुलैठी स्वास्थ्य के लिए कैसे फायदेमंद हो सकती है।
1. गले और श्वसन प्रणाली के लिए लाभकारी:
मुलैठी में ग्लाइसीरिहिजिनिक एसिड (Glycyrrhizic acid) पाया जाता है, जो एक शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी यौगिक है। यह श्वसन मार्ग में सूजन और जलन को कम करने में मदद करता है। जब आप मुलैठी का सेवन करते हैं, तो यह गले की खराश, खांसी, और श्वसन तंत्र की समस्याओं को शांत कर सकता है। कई पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में मुलैठी को गले के इंफेक्शन और सर्दी-जुकाम के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
2. पाचन तंत्र को सुधारना:
मुलैठी को पाचन तंत्र के लिए भी लाभकारी माना जाता है। यह पेट के अल्सर, एसिडिटी, गैस और अपच जैसी समस्याओं को कम करने में मदद करता है। यह पेट की दीवारों को सुकून देने और पेट के जले हुए हिस्से को ठीक करने में मदद करता है। मुलैठी में मौजूद पेप्टिक गुण (Digestive properties) पेट के एंजाइमों के कार्य में सुधार करते हैं और गैस्ट्रिक एसिड को संतुलित करते हैं।
3. त्वचा के लिए लाभ:
मुलैठी में एंटीऑक्सिडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो त्वचा के संक्रमणों, रैशेज, एक्जिमा, और पिंपल्स के इलाज में मदद करते हैं। इसके अलावा, मुलैठी का अर्क अक्सर स्किनकेयर उत्पादों में इस्तेमाल होता है क्योंकि यह त्वचा को हल्का करने, जलन को कम करने और चमक बढ़ाने में मदद करता है। यह त्वचा में नमी बनाए रखने के साथ-साथ हाइपरपिग्मेंटेशन को भी कम कर सकता है।
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4. मानसिक स्वास्थ्य और तनाव कम करना:
मुलैठी में एड्रीनल ग्रंथियों पर सकारात्मक प्रभाव डालने वाले गुण होते हैं। यह शरीर को कोर्टिसोल (stress hormone) के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे मानसिक तनाव और चिंता कम होती है। इसके सेवन से शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ सकता है और आपको मानसिक ताजगी का एहसास हो सकता है।
5. हार्ट
मुलैठी के सेवन से रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। हालांकि, इसे उच्च रक्तचाप वाले व्यक्तियों को अधिक मात्रा में नहीं लेना चाहिए क्योंकि इसका अत्यधिक सेवन रक्तचाप को बढ़ा सकता है। लेकिन, सामान्य रूप से यह हृदय और रक्त वाहिकाओं के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है, विशेषकर जब यह पोटेशियम के स्तर को बढ़ाने और नमक के सेवन को नियंत्रित करने में मदद करता है।
6. इंफेक्शन और रोग प्रतिकारक क्षमता में सुधार:
मुलैठी में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं जो शरीर को बैक्टीरिया, वायरस और अन्य पैथोजन से लड़ने में मदद करते हैं। यह इन्फेक्शन के इलाज में सहायक है और शरीर की इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। इसमें मौजूद फ्लेवोनोइड्स और सैपोनिन्स का गुण सूजन को कम करने और संक्रमणों से रक्षा करने में सहायक होता है।
7. मुलैठी और ग्लाइसीरिहिजिनिक एसिड:
ग्लाइसीरिहिजिनिक एसिड, जो मुलैठी का प्रमुख सक्रिय तत्व है, पाचन तंत्र के लिए बहुत फायदेमंद है। यह सूजन को कम करने, दर्द को कम करने, और शरीर के विभिन्न अंगों में बैलेंस बनाए रखने में मदद करता है। यह शरीर में कोलन (large intestine) और जिगर (liver) के स्वास्थ्य को भी बढ़ा सकता है। हालांकि, अधिक सेवन से यह पोटेशियम की कमी कर सकता है और रक्तचाप पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, जिससे इसका सेवन संतुलित रूप से करना चाहिए।
8. मुलैठी का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में:
मुलैठी का उपयोग पारंपरिक भारतीय, चीनी, और यूनानी चिकित्सा पद्धतियों में सदियों से होता आया है। इसमें यह विशेष रूप से गैस्ट्रिक समस्याओं, सांस संबंधी समस्याओं, और मस्तिष्क संबंधी विकारों के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता रहा है।