अपने पहले ही प्रयास में भारत के बिहार राज्य में मुंगेर जिला की मोना दास अमेरिका में वाशिंगटन राज्य के 47वें जिले की सीनेटर चुनी गई हैं. डेमोक्रेटिक पार्टी की सदस्य मोना दास ने अमेरिकी सीनेट में हिंदू धर्मग्रंथ गीता के साथ अपने पद की शपथ ग्रहण की. डेमोक्रेट दास ने ‘महिला कल्याण, सबका मान’ और ‘जय हिंद और भारत माता की जय’ चुनावी संदेश में देकर लोगों का समर्थन हासिल किया.
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इंटरव्यू में बताई अपनी कहानी, मनोविज्ञान में ग्रेजुएट हैं मोना
47 वर्षीय मोना दास ने एक इंटरव्यू में बताया कि वह महज 8 माह की उम्र में ही अपने माता-पिता के साथ अमेरिका चली गई थीं. उनके पूर्वज बिहार के मुंगेर जिले के खड़गपुर मंडल के दरियापुर गांव के थे. उनके दादा डॉ. गिरीश्वर नारायण दास गोपालगंज जिले में सिविल सर्जन रहे. उन्होंने भागलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल और दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में काम किया. मोना दास का जन्म भी दरभंगा अस्पताल में 1971 में हुआ था. उनके पिता सुबोध दास एक इंजीनियर हैं और सेंट लुईस एमओ में रहते हैं. सिनसिनाटी यूनिवर्सिटी से मनोविज्ञान में ग्रेजुएट मोना दास की शपथ 14 जनवरी यानी मकर संक्रांति के मौके पर हुई थी. उन्होंने भारत के लिए अपने प्यार और अपनी संस्कृति और परंपरा के साथ शपथ ली थी. हाथ में हिंदू धर्मग्रंथ गीता लेकर अपने संदेश की शुरुआत में उन्होंने कहा था- ‘नमस्कार और प्रणाम आप सबको, मकर संक्रांति की बधाई हो आप सबको’.
दो बार के रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर को हराया
इस चुनाव में मोना दास ने दो बार के रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर जो फैन (Joe Fain) को हराया. वह सीनेट हाउसिंग स्टैबिलिटी एंड अफोर्डेबिलिटी कमेटी की वाइस चेयरमैन के रूप में काम करेंगी. वह सीनेट परिवहन समिति, सीनेट वित्तीय संस्थानों, आर्थिक विकास और व्यापार समिति और सीनेट पर्यावरण, ऊर्जा और प्रौद्योगिकी समिति पर भी काम करेगा. इस सत्र में, उन्होंने पर्यावरण, रंग के समुदायों और महिलाओं के लिए इक्विटी की वकालत करने की योजना बनाई है.
बिहार आएंगी सीनेटर मोना, लड़कियों को आगे बढ़ाएंगी
मोना दास ने अपने पैतृक गांव जाने की भी योजना बनाई है. उन्होंने कहा- ‘मेरी योजना है कि एक दिन मैं अपने पैतृक घर बिहार के दरियापुर में जाऊं और भारत के बाकी हिस्सों में घूमने जाऊं, जो कि मेरा मूल देश हैं’. जिस तरह महात्मा गांधी और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि लड़कियों के लिए शिक्षा सफलता की कुंजी है. उसी तरह मोना ने अपने संदेश में कहा कि एक लड़की को शिक्षित करके आप एक पूरे परिवार और लगातार पीढ़ियों को भी शिक्षित करते हैं. एक निर्वाचित सीनेटर के रूप में उन्होंने लड़कियों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने का फैसला किया है.
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