उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur) में धर्म परिवर्तन (Conversion) के खुलासे के बाद रोजाना नए-नए तथ्य सामने आ रहे हैं। पता चला है कि दीपांश की तरह ही आदित्य गुप्ता (Aditya Gupta) उर्फ अब्दुल कादिर (Abdul Qadir) ने ज्योति बधिर विद्यालय में पढ़ने वाले सातवीं कक्षा के एक छात्र को धर्म परिवर्तन कराने के लिए प्रेरित किया था। आदित्य इसमें कामयाब भी हो जाता, लेकिन छात्रा के माता-पिता ने सही समय पर उसके मोबाइल फोन को पकड़ लिया। मामला गोविंद नगर थाने तक पहुंचा। यहां पुलिस ने छात्र के मोबाइल से सारे वीडियो और मैसेज डिलीट कराकर उसे और उसके परिजनों को जाने दिया।
तुषार को इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित करता था आदित्य
मामले की जांच कर रही एटीएस को पता चला है कि ज्योति बधिर विद्यालय में सातवीं के छात्र चरन सिंह कालोनी गोविंद नगर निवासी तुषार सिंह का धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास किया जा रहा था। तुषार की मां सुनीता सिंह ने बताया कि पिछले साल आदित्य उनके घर पर तुषार से अक्सर मिलने आता था।
मां सुनीता सिंह ने बताया कि कुछ समय बाद बेटे तुषार की हरकत में बदलाव नजर आने लगा। उसका इस्लाम के प्रति रुझान बढ़ रहा था। जब मां ने इसका विरोध किया तो तुषार ने गुस्से में आकर खाना छोड़ दिया था। उन्होंने बताया कि उन लोगों ने आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। आदित्य ने तुषार को यही बताया था कि इस्लाम अपनाने के बाद उसके परिवार का आर्थिक संकट दूर हो जाएगा।
तुषार अपने साथ दीपांश का भी कराना चाहता था धर्मांतरण
उन्होंने बताया कि आदित्य ने तुषार से दिल्ली चलकर इस्लाम धर्म अपनाने की बात कही थी। आदित्य तुषार के सम्पर्क में था और इधर तुषार सिंह ने दिपांश को धर्म परिवर्तन के फायदों के बारे में जानकारी देना शुरू कर दिया था। वह उसका भी अपने साथ धर्म परिवर्तन कराना चाहता था। गुजैनी के ब्लॉक निवासी बर्तन व्यापारी प्रदीप दुबे ने बताया कि 17 वर्षीय मूकबधिर बेटा दीपांश दुबे बीते वर्ष लॉकडाउन में ऑनलाइन पढ़ाई कर रहा था।
दीपांश के पिता ने बताया कि अचानक से उसका व्यवहार बदल गया। उसका मोबाइल चेक किया तो उसमें तुषार के नंबर से वीडियो क्लिप मिली, जिसमें मस्जिद और नमाज पढ़ रहे लोग दिखे। इस पर बड़े भाई से बोलकर सीओ गोविंदनगर में शिकायत की थी। पुलिस ने आदित्य और उसकी मां, तुषार को बुलवाया था। सभी के मोबाइल से वीडियो डिलीट कर दी थी।
लखनऊ से गिरफ्तार हुए थे 2 आरोपी
गौरतलब है कि यूपी एटीएस ने 21 जून को ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया, जो जबरन, लालच और मानसिक दबाव बनाकर धर्म परिवर्तन कराकर लोगों को मुसलमान बनने पर मजबूर करते थे। इस मामले में यूपी एटीएस ने मोहम्मद उमर गौतम और उसके सहयोगी मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी को गिरफ्तार किया है।
इन दोनों ने अब तक गरीब महिलाओं के साथ मूक-मधिर गरीब बच्चों और अपाहिजों को मिलाकर 1000 से ज्यादा लोगों का धर्मांतरण कराया है। मोहम्मद उमर गौतम के बहुत से सहयोगी हैं, जिनमें से मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी पुत्र ताहिर अख्तर धर्मांतरण के इस आपराधिक षडयंत्र में सहयोगी है। इसके द्वारा धर्मांतरण प्रमाण पत्र और विवाह प्रमाण पत्र गैर कानूनी ढंग से तैयार किया जाता था।
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