धर्मांतरण रोकने के लिए मदरसों में हो तालाबंदी, मौलवियों की संपत्ति की कराई जाए जांच: यतींद्रानंद गिरि

श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि महाराज (Yatindranand Giri Maharaj) ने उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण (Conversion) की घटनाओं का जिक्र करते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में धर्मांतरण एक अभिशाप के रूप में पनप रहा है। धर्मांतरण के लिए भारत के कुछ मदरसों (Madrasas) को फंडिंग की जा रही है। वह लोगों के मन में जहर घोलकर धर्मांतरण करा रहा हैं। इस पर अंकुश लगाने के लिए देश के सभी मदरसों में तालाबंदी करनी चाहिए। अगर मदरसों को चलाना ही है तो उन्हें सरकारी तंत्र के नियमों के अधीन रखा जाए।


यतींद्रानंद गिरि ने कहा कि मदरसों में शिक्षा देने वाले मौलवियों की संपत्ति की जांच होनी चाहिए। केंद्र सरकार नया संसद भवन निर्माण कराने जा रही है। नए संसद भवन के साथ सनातन हिंदू संस्कृति के अनुरूप देश को नए संविधान की भी आवश्यकता है। इस मौके पर विहिप प्रांत उपाध्यक्ष हर्षवर्धन सिंह, विहिप जिलाध्यक्ष कीर्ति सिंह, प्रांत संगठन मंत्री महेंद्र पांडे आदि मौजूद रहे।


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स्वामी यतींद्रानंद गिरि ने कहा कि कई जिले देखे पर हरदोई जनपद की स्थिति देखकर दंग हूं। सड़क पर घूमते अन्ना पशुओं पर उन्होंने कहा कि क्या यहां की सड़कें सिर्फ गोवंशों के लिए बनी हैं। योगी सरकार द्वारा इस मद में दी गई धनराशि आखिर कहां गई। इस दौरान उन्होंने अयोध्या का जिक्र करते हुए कहा कि राम जन्म भूमि ट्रस्ट में तपस्वी व समर्पित लोग हैं। इन्होंने जीवन समाज के लिए लगा दिया।


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उन्होंने कहा कि विश्वामित्र जगत कल्याण के लिए यज्ञ करते थे किंतु मारीच व सुबाहु जैसे राक्षस विघ्न पैदा करते थे। ऐसे कुछ लोग राम मंदिर निर्माण में विघ्न डालने का प्रयास कर रहे हैं। दो बच्चों के कानून पर कहा कि केंद्र सरकार को जनसंख्या नियंत्रण कानून शीघ्र लाना चाहिए। भाजपा सरकार इस मुद्दे चुप्पी साधे हुई है, इससे संत चिंतित हैं। बता दें कि विश्व हिंदू परिषद ने धर्मांतरण की घटनाओं को रोकने के लिए केंद्र सरकार से कानून बनाने की मांग की है।


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