Home Dharma and Adhyatma जानें… आखिर क्यों मनाई जाती है पुत्रदा एकादशी?

जानें… आखिर क्यों मनाई जाती है पुत्रदा एकादशी?

Putrada Ekadashi
Putrada Ekadashi

आज यानि 10 जनवरी को हिंदू धर्म के अनुसार पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi) मनाई जा रही है । पुत्रदा एकादशी का धार्मिक और आध्यात्मिक दोनों महत्व है। यह व्रत मुख्य रूप से संतान प्राप्ति और संतान की भलाई के लिए रखा जाता हैं। इसका उल्लेख पद्म पुराण और अन्य धार्मिक ग्रंथों में मिलता है । इस दिन भगवान विष्णु की उपासना की जाती हैं, और उनसे संतान सुख, उनकी दीर्घायु और कल्याण की प्रार्थना की जाती हैं। साथ ही लोग आज के दिन संतान प्राप्ति और संतान के जीवन में सुख समृद्धि की कामना करते हुए व्रत भी रखते है।

पुत्रदा एकादशी का महत्व

संतान प्राप्ति के लिए यह व्रत बहुत महत्व रखता है। बता दे कि, यह व्रत जिन दंपत्तियों को संतान सुख नहीं मिल रहा होता हैं, वे यह व्रत करके भगवान विष्णु से संतान की कामना करते है ।संतान की दीर्घायु और समृद्धि: इस व्रत के पालन से संतान का जीवन सुखद, स्वस्थ और सफल होने की मान्यता हैं।पुण्य प्राप्ति: पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।

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व्रत की विशेषता

पुत्रदा एकादशी को व्रत रखने वाले व्यक्ति को पूरे दिन निराहार रहकर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। यह व्रत केवल संतान के लिए ही नहीं, बल्कि अपने परिवार के सुख-समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति के लिए भी किया जाता है।यह व्रत व्यक्ति के जीवन में शांति, सुख और संतोष लाने का प्रतीक है।

पौराणिक कथा

पद्म पुराण के अनुसार, महिष्मती नगरी के राजा सुखसेन और रानी शैव्या को संतान सुख नहीं था। इस कारण वे अत्यंत दुखी रहते थे। जब उन्होंने महर्षि लोमेश से अपनी समस्या का समाधान पूछा, तो उन्होंने पौष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी का व्रत करने की सलाह दी। व्रत के फलस्वरूप राजा और रानी को एक तेजस्वी पुत्र की प्राप्ति हुई। तभी से इस व्रत को “पुत्रदा एकादशी” के नाम से जाना जाता है।

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व्रत और पूजा की विधि

पुत्रदा एकादशी के दिन पूरे दिन निराहार रहकर भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। इस व्रत को करने वाले व्यक्ति को पूरे नियम और श्रद्धा के साथ भगवान विष्णु की आराधना करनी चाहिए। यह व्रत न केवल संतान के लिए, बल्कि परिवार की सुख-समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति के लिए भी किया जाता है।

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