भारत-पाकिस्तान सीमा पर बिगड़ते हालात के चलते रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) ने मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के लिए सख्त एडवाइजरी जारी की है। मंत्रालय ने लाइव कवरेज और रियल टाइम रिपोर्टिंग पर रोक लगाने की अपील करते हुए कहा है कि सेना की मूवमेंट और रक्षा अभियानों की जानकारी साझा करना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है।
सेना की गतिविधियों की कवरेज पर सख्त निर्देश
रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि किसी भी चैनल, डिजिटल मीडिया या व्यक्ति को सेना के काफिले या ऑपरेशन्स की लाइव कवरेज नहीं करनी चाहिए। मंत्रालय ने एक्स पर पोस्ट करते हुए यह जानकारी साझा की और सभी से अपील की कि ऐसे मामलों में सावधानी बरतें।
पहले भी हुई थी नुकसान
All media channels, digital platforms and individuals are advised to refrain from live coverage or real-time reporting of defence operations and movement of security forces. Disclosure of such sensitive or source-based information may jeopardize operational effectiveness and…
— Ministry of Defence, Government of India (@SpokespersonMoD) May 9, 2025
वही रक्षा मंत्रालय ने इसके पीछे की वजह भी बताई है, जिसमे कहा गया की, सभी मीडिया चैनलों, डिजिटल प्लेटफार्मों और व्यक्तियों को सलाह दी जाती है कि वे रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की आवाजाही की लाइव कवरेज या वास्तविक समय की रिपोर्टिंग से बचें। ऐसी संवेदनशील या स्रोत-आधारित जानकारी का खुलासा परिचालन प्रभावशीलता को खतरे में डाल सकता है और जीवन को खतरे में डाल सकता है। कारगिलयुद्ध, 26/11 हमले और कंधार अपहरण जैसी पिछली घटनाएं समय से पहले रिपोर्टिंग के जोखिमों को रेखांकित करती हैं। केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 के खंड 6(1)(पी) के अनुसार, आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान केवल नामित अधिकारियों द्वारा आवधिक ब्रीफिंग की अनुमति है। सभी हितधारकों से राष्ट्र की सेवा में उच्चतम मानकों को कायम रखते हुए कवरेज में सतर्कता, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी बरतने का आग्रह किया जाता है। ऐसे में हमे कई नुकसानों का सामना करना पड़ सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।
संवेदनशील जानकारी से बचें, सिर्फ आधिकारिक ब्रीफिंग दिखाएं
गृह मंत्रालय ने भी इस मामले में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मीडिया को केवल वही जानकारी दिखाने की इजाजत है, जो आधिकारिक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान दी जाती है। नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।