उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में हुए मनीष गुप्ता हत्याकांड में SIT की टीम एक बार फिर से क्राइम सीन के रिक्रिएशन का प्लान बना रही है. इसी के अंतर्गत जल्द ही सभी गवाहों को होटल में बुलाकर क्राइम सीन रीक्रिएट किया जाएगा. इस दौरान होटल कर्मचारी भी मौजूद रहेंगे. टीम ने हत्याकांड से जुड़े सभी गवाहों के शहर छोड़ने पर रोक लगा दी क्योंकि किसी भी वक्त उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है.
आरोपियों को रिमांड पर लेने की तैयारी
जानकारी के मुताबिक, कानपुर के बर्रा निवासी मनीष गुप्ता हत्याकांड के सभी आरोपित पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के बाद एसआइटी कानपुर ने मामले की विवेचना तेज कर दी है. फॉरेंसिक टीम की जांच में मिले साक्ष्य को विवेचना का हिस्सा बनाने के साथ घटना में किसकी क्या भूमिका रही एसआइटी अब यह तय करने में जुटी है. ताकि दोषियों को जल्द से जल्द सख्त सजा मिल सके.
दशहरा में कानपुर गए SIT के प्रभारी अपर पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी भी गोरखपुर आ रहे हैं. उसके बाद टीम आगे की रणनीति तय करने के साथ ही होटल पहुंचकर फिर से क्राइम सीन रीक्रिएट करेगी. उम्मीद है कि इस दौरान घटना के समय मनीष गुप्ता के साथ कमरे में मौजूद रहे उसके दोस्त हरवीर, प्रदीप के अलावा होटल के कर्मचारी भी मौजूद रहेंगे. वहीँ जल्द ही आरोपित छह पुलिसकर्मियों को SIT कानपुर पुलिस रिमांड पर लेकर एक साथ पूछताछ कर सकती है.
सभी आरोपी हो चुके हैं अरेस्ट
बता दें कि मनीष गुप्ता की हत्या के मामले में फरार छठा आरोपी दारोगा विजय यादव को कैंट पुलिस ने शनिवार की दोपहर रेलवे म्यूजियम के पास गिरफ्तार कर लिया है. जौनपुर जिले के रहने वाले विजय पर एक लाख रुपये का इनाम था. इससे पहले मनीष मर्डर केस के पांच लोगों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. 10 अक्टूबर को पुलिस ने मुख्य आरोपित इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह और दारोगा अक्षय मिश्रा को गिरफ्तार किया था. 12 अक्टूबर को दारोगा राहुल दुबे और आरक्षी प्रशांत पकड़े गए। 13 को मुख्य आरक्षी कमलेश यादव पकड़ा गया.
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