अब डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय में छात्र एक साथ दो शैक्षणिक कार्यक्रमों में कर सकेंगे अध्ययन

मुकेश कुमार , ब्यूरो चीफ़ पूर्वांचल। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयूजीयू) ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा जारी “Guidelines for Pursuing Two Academic Programmes Simultaneously” को पूर्व में ही अंगीकृत कर लिया है, और इस नीति को अब विश्वविद्यालय में प्रभावी रूप से लागू किया जा चुका है। इसके तहत अब विश्वविद्यालय के छात्र एक साथ दो शैक्षणिक कार्यक्रमों में अध्ययन कर सकते हैं — एक ही समय में, नियमानुसार।

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यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की भावना के अनुरूप लिया गया है, जो शिक्षा को बहु-विषयक, लचीला, अनुभवजन्य और समग्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

NEP 2020 शिक्षा को कठोर संरचनाओं से मुक्त कर छात्रों को जीवन भर सीखने के अनेक अवसर उपलब्ध कराने की बात करता है। इसमें रचनात्मक और लचीली पाठ्यक्रम संरचना को बढ़ावा देने, विषयों के बीच अंतर की दीवार को समाप्त करने और छात्रों को उनके रुचि के अनुसार अध्ययन की स्वतंत्रता प्रदान करने पर बल दिया गया है।

उच्च शिक्षा की बढ़ती माँग और सीमित सीटों के चलते, यूजीसी ने यह दिशा-निर्देश जारी किए, ताकि छात्र एक औपचारिक (Regular) और एक गैर-औपचारिक (ODL/Online) माध्यम से एक साथ दो कार्यक्रमों में अध्ययन कर सकें।

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1. दो फुल-टाइम पाठ्यक्रम:

छात्र दो पूर्णकालिक कार्यक्रमों में अध्ययन कर सकते हैं, यदि उनके कक्षा समय आपस में न टकराएं।

2. ऑनलाइन/डिस्टेंस लर्निंग की सुविधा:

छात्र एक फुल-टाइम ऑफलाइन कार्यक्रम के साथ-साथ एक ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ODL)/ऑनलाइन कार्यक्रम या दो ऑनलाइन/ODL कार्यक्रम एक साथ कर सकते हैं।

3. मान्यता प्राप्त संस्थानों से पाठ्यक्रम:

केवल वही ODL/ऑनलाइन कार्यक्रम मान्य होंगे जो UGC/भारत सरकार/वैधानिक परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों द्वारा संचालित हों।
4. पीएच.डी. को छोड़कर सभी के लिए लागू:

यह सुविधा पीएच.डी. कार्यक्रम को छोड़कर सभी शैक्षणिक पाठ्यक्रमों के लिए उपलब्ध है।

5. अधिसूचना की तिथि से प्रभावी:

दिशानिर्देश केवल अधिसूचना की तिथि से लागू होंगे, और इसके पहले दो कार्यक्रमों को एक साथ करने वाले छात्रों को इसका लाभ नहीं मिलेगा।

इस पर डीडीयू कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि,

विश्वविद्यालय ने यूजीसी के इन दिशानिर्देशों को समय रहते अपनाकर अपने छात्रों को शैक्षणिक लचीलापन और बहु-विषयक विकास का एक सशक्त अवसर प्रदान किया है। अब छात्र न केवल अपनी मुख्य पढ़ाई जारी रख सकते हैं, बल्कि अपने अन्य रुचिकर क्षेत्रों में भी दक्षता प्राप्त कर सकते हैं। यह कदम उन्हें समग्र, जागरूक, और व्यावसायिक रूप से अधिक सक्षम नागरिक बनने में मदद करेगा।

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विश्वविद्यालय की तैयारी:

डीडीयूजीयू ने अपने अकादमिक और प्रशासनिक तंत्र को पहले से ही इस नीति के अनुरूप अनुकूलित कर लिया है। छात्रों को इस व्यवस्था का लाभ लेने के लिए विश्वविद्यालय की वेबसाइट और संबंधित विभागों से मार्गदर्शन प्राप्त हो सकता है। संबंधित दिशानिर्देश, आवेदन प्रक्रिया, और आवश्यक शर्तें विस्तृत रूप में उपलब्ध करा दी गई हैं।

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