प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के मंडी का दौरा किया और 11,000 करोड़ रुपये की पनबिजली परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया। करीब तीन दशक से लंबित पड़ी एक परियोजना दिल्ली के लिए फायदेमंद साबित होगी, जिससे हर साल करीब 50 करोड़ क्यूबिक मीटर जलापूर्ति हो सकेगी।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार के 4 साल पूरे हुए हैं। ये भीड़ बता रही हैं कि आपने 4 साल में हिमाचल को तेज़ गति से आगे बढ़ते हुए देखा। हमने 4 साल में मज़बूती से कोरोना से लड़ाई लड़ी है, हिमालच को पहला AIIMS मिला, 4 नए मेडिकल कॉलेज स्वीकृत हुए है। 11,000 करोड़ रुपए की लागत वाले 4 बड़े हाईड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया गया, इससे हिमाचल की आय बढ़ेगी और रोज़गार के अवसर भी बढ़ेंगे। यहां पैदा हुई बिजली से हर वर्ष लगभग सवा सौ करोड़ रुपए की आय होगी।
Addressing a public meeting in Mandi, where key works are being inaugurated. https://t.co/ndUbzj8zi2
— Narendra Modi (@narendramodi) December 27, 2021
सर्द मौसम के बीच एक लंबा ऊनी कोट और हाथ के दस्ताने पहने, मोदी ने हिमाचल प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के दूसरे ग्राउंडब्रेकिंग समारोह की अध्यक्षता की, जिसमें लगभग 28,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की शुरूआत के माध्यम से क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने की उम्मीद है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की उपस्थिति के बीच दिसंबर 2019 में राज्य की राजधानी में पहला समारोह आयोजित किया गया था। इस मौके पर करीब 100 निवेशक मौजूद थे।
राज्य के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिमाचली टोपी और शॉल भेंट कर प्रधानमंत्री का स्वागत किया। संस्कृत ‘श्लोकों’ के पाठ के बीच, कार्यक्रमों ने भाजपा सरकार के चार साल पूरे होने को भी चिन्हित किया। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने देश में उपलब्ध संसाधनों की अप्रयुक्त क्षमता का पूरी तरह से उपयोग करने पर लगातार ध्यान केंद्रित किया है और इस संबंध में एक कदम हिमालयी क्षेत्र में जलविद्युत क्षमता का अधिकतम उपयोग करना है।
प्रधानमंत्री ने रेणुकाजी बांध परियोजना की आधारशिला रखी। लगभग तीन दशकों से लंबित पड़ी इस परियोजना को प्रधानमंत्री के ‘सहकारी संघवाद की ²ष्टि’ के माध्यम से संभव बनाया गया था, जिसके तहत छह राज्यों – हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड और दिल्ली को एक साथ लाया गया था। 40 मेगावाट की इस परियोजना का निर्माण लगभग 7,000 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। यह पहाड़ी राज्य के लिए बिजली पैदा करेगा और राष्ट्रीय राजधानी को प्रति वर्ष 500 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी की आपूर्ति करेगा।
प्रधानमंत्री ने लुहरी चरण 1 जल विद्युत परियोजना की आधारशिला भी रखी। 210 मेगावाट की इस परियोजना का निर्माण 1,800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जाएगा। इससे प्रति वर्ष 750 मिलियन यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन होगा। आधुनिक और भरोसेमंद ग्रिड समर्थन क्षेत्र के आसपास के राज्यों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा। मोदी ने धौलासिद्ध हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट की आधारशिला भी रखी। यह हमीरपुर जिले की पहली जलविद्युत परियोजना होगी। 66 मेगावाट की इस परियोजना का निर्माण 680 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जाएगा।
इससे प्रति वर्ष 300 मिलियन यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन होगा। प्रधानमंत्री ने सावरा-कुड्ड जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन किया। 111 मेगावाट की इस परियोजना का निर्माण लगभग 2,080 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। इससे प्रति वर्ष 380 मिलियन यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन होगा, और राज्य को सालाना 120 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व अर्जित करने में मदद मिलेगी। जलविद्युत के अलावा, पहाड़ी राज्य की अर्थव्यवस्था काफी हद तक पर्यटन और बागवानी पर निर्भर करती है।
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