सहारा ग्रुप की संपत्ति अदाणी समूह को बेचने की तैयारी, सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी की मांग

सहारा समूह (Sahara Group) की कंपनियों के भविष्य को लेकर एक अहम जानकारी सामने आई है। सहारा इंडिया कमर्शियल कॉरपोरेशन लिमिटेड (SICCL) ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है और महाराष्ट्र की एंबी वैली, लखनऊ के सहारा शहर समेत कई संपत्तियों को अदाणी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड (Adani Properties Private Limited)
को बेचने की अनुमति मांगी है। यह याचिका हाल ही में दाखिल हुई है और इस पर सुनवाई 14 अक्टूबर को होने की संभावना है।

सुप्रीम कोर्ट से मांगी गई मंजूरी

अधिवक्ता गौतम अवस्थी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि 6 सितंबर 2025 की टर्म शीट में तय शर्तों के अनुसार अदाणी प्रॉपर्टीज को बिक्री की मंजूरी दी जाए। याचिका में बताया गया है कि अब तक समूह ने अपनी चल-अचल संपत्तियों की बिक्री से करीब 16,000 करोड़ रुपये जुटाकर सेबी-सहारा रिफंड खाते में जमा किए हैं। यह राशि अदालत के आदेशों का पालन करते हुए बड़ी कठिनाई से जुटाई गई थी।

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सुब्रत रॉय के निधन के बाद नई परिस्थितियां 

नवंबर 2023 में सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय का निधन हो गया था। याचिका में कहा गया है कि रॉय परिवार के सदस्य समूह के दैनिक प्रबंधन में शामिल नहीं थे। अब निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए सहारा समूह ने निर्णय लिया है कि संपत्तियों को अधिकतम मूल्य पर जल्द से जल्द बेचा जाए ताकि अदालत के आदेशों का पालन हो सके और लंबित देनदारियां निपटाई जा सकें।

बिक्री प्रक्रिया में आ रही रुकावटें

SICCL ने अपनी याचिका में बताया कि मौजूदा बाजार परिस्थितियां, मुकदमों का लंबित रहना और जांच एजेंसियों की पूछताछ जैसी वजहों से संपत्तियों की बिक्री की प्रक्रिया कठिन हो गई है। इन कारणों से खरीदारों का विश्वास प्रभावित हुआ और संपत्तियों की बाजार क्षमता पर भी असर पड़ा।

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अनधिकृत लेन-देन की कोशिश पर कार्रवाई

याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि सुब्रत रॉय की मृत्यु के बाद कुछ लोगों ने पुराने बोर्ड प्रस्तावों का हवाला देकर बिना उचित प्राधिकरण के समूह की संपत्तियों से निपटने की कोशिश की। ऐसे मामलों को रोकने और संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न न्यायालयों में शिकायत दर्ज कराई गई है। समूह का कहना है कि निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए यह कदम बेहद जरूरी है।

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