उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने पर विचार किए जाने पर संभल (Sambhal) से समाजवादी पार्टी के विधायक नवाब इकबाल महमूद (SP MLA Nawab Iqbal Mehmood) ने विवादित बयान दिया है। सपा विधायक ने रविवार को कहा कि कानून की आड़ में मुसलमानों पर वार करने की साजिश है। जनसंख्या वृद्धि के लिए दलित और आदिवासी जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि दलित और आदिवासियों के पास न तो नौकरियां हैं न ही काम, इसलिए दलित-आदिवासी सिर्फ बच्चे पैदा करने का काम कर रहे हैं।
जनसंख्या नियंत्रण की आड़ में मुस्लिमों पर वार- सपा विधायक
सपा विधायक इकबाल महमूद ने रविवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार जनसंख्या वृद्धि पर अंकुश लगाने के लिए एक कानून लाने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि दरअसल, यह जनसंख्या नियंत्रण की आड़ में मुसलमानों पर वार है। भाजपा के लोग अगर समझते हैं कि देश में सिर्फ मुसलमानों की तादाद बढ़ रही है तो यह कानून संसद के अदर आना चाहिए था। ताकि पूरे देश में लागू होता, यह उत्तर प्रदेश में ही क्यों लाया जा रहा है।
संभल सीट से सपा विधायक ने कहा कि सबसे ज्यादा आबादी दलितों और आदिवासियों के यहां बढ़ रही है, मुसलमानों के यहां नहीं। मुसलमान तो अब समझ गए हैं कि 2-3 बच्चों से ज्यादा नहीं होने चाहिए। नवाब इकबाल महमूद ने कहा कि इस कानून का नतीजा भी एनआरसी जैसा ही होगा और असम में एनआरसी का असर मुसलमानों पर कम और गैर मुस्लिमों पर ज्यादा पड़ा।
जनसंख्या नियंत्रण कानून का विरोध करेगी सपा
सपा विधायक ने कहा कि जनसंख्या कानून का भी यही हश्र होगा और यह समझ में नहीं आता कि योगी सरकार का महज सात महीने का कार्यकाल बचा है, ऐसे में जनसंख्या कानून पर बात क्यों की जा रही है। सपा विधायक ने कहा कि अगर सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून लाती है तो समाजवादी पार्टी विरोध करेगी।
बता दें कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर योगी सरकार गंभीर दिख रही है। राज्य विधि आयोग जनसंख्या नियंत्रण कानून के ड्राफ्ट पर काम कर रहा है। आयोग के अध्यक्ष आदित्य नाथ मित्तल के मुताबिक, राज्य की जनसंख्या वृद्धि पर लगाम लगाने के लिये आयोग ने कानून के प्रस्ताव पर काम शुरू कर दिया है। जल्द ही इसे मंजूरी देने के लिए शासन के पास भेजा जाएगा।
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )