जाति-धर्म संबंधित भाषणों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, चुनाव आयोग को जारी किया नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने नेताओं के भाषण को लेकर नोटिस जारी किया है. राजनीतिक दलों के प्रवक्ताओं और प्रतिनिधियों के बयानों को लेकर चुनाव सख्त हिदायत दी है. इस संबंध में दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि धार्मिक या जातिगत टिप्पणी करने वाले प्रवक्ताओं या प्रतिनिधियों के खिलाफ चुनाव आयोग कार्रवाई करे.


अगर किसी पार्टी के प्रतिनिधि या प्रवक्ता मीडिया में धर्म या जाति से संबंधित टिप्पणी करते हैं तो उन पर सख्त कार्रवाई की मांग इस याचिका में की गयी है. मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने अगले सोमवार तक चुनाव आयोग से जवाब मांगा है.


बता दें कि जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है नेता खुल कर धर्म और जाति संबंधित भाषण दे रहे हैं. रविवार को देवबंद में बसपा, सपा, रालोद गठबंधन की पहली चुनावी रैली हुई. उसमें मायावती ने कांग्रेस और भाजपा पर जम कर प्रहार किये थे. उन्होंने मुस्लिमों की काफी संख्या बताते हुए कहा था कि आपकी वोटों में बंटवारे की साजिश रची जायेंगी. आप एकजुट होकर बसपा को ही वोट दें. इस पर संज्ञान लेते हुए राज्य चुनाव आयुक्त ने सहारनपुर के जिला चुनाव अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है.


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