संतकबीरनगर के जिला अस्पताल में मैजिशियन की कमी नहीं: ₹10 हजार में बनाए जाते हैं दिव्यांग सर्टिफिकेट के पात्र,जांच के निर्देश

उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर के जिला अस्पतालों में मैजिशियनों की कमी नहीं है। यहां पर दिव्यांग लोगों को ₹10 हजार देने पर ही दिव्यांग सर्टिफिकेट का पात्र घोषित किया जाता है। यह हम नहीं कह रहे बल्कि दिव्यांग पीड़ितों की जुबानी है। आरोप है कि जिला अस्पताल के बोर्ड में शामिल एक ईएनटी विशेषज्ञ ने दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने के एवज में ₹10 हजार घूस मांगे। पीड़ितों ने नहीं दिया तो कई बार दौड़ाया। कुछ लोगों ने दिया तो इन्हें दरकिनार कर उनको सर्टिफिकेट का पात्र घोषित कर दिया गया। मामले में दोनों पीड़ितों ने सीएमओ को शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है। वहीं, विभाग ने मामले में आरोपित डॉक्टर के खिलाफ जांच के निर्देश दिए हैं।

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पीड़ितों ने सीएमओ को आपबीती सुनाकर दर्ज कराई शिकायत

दरअसल, मंगलवार को सीएमओ कार्यालय में पहुंचे धनघटा के शनिचरा बाजार के रहने वाले सोनू कुमार पुत्र विजय कुमार ने बताया कि उनकी 19 वर्षीय बहन जन्म से ही बोलने और सुनने में असमर्थ है। उसका दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने के लिए उन्होंने अगस्त में ही ऑनलाइन आवेदन किया था। बताया कि जिला अस्पताल में तैनात डाॅक्टर को दिखाया तो उन्होंने जांच कराने के लिए गोरखपुर भेज दिया। जांच करवाकर रिपोर्ट लेकर आए। वह 20 अगस्त 2024 को संयुक्त जिला अस्पताल पर ईएनटी के डॉक्टर मनोज सिंह से मिले तो उन्होंने बहन का दिव्यांग प्रमाणपत्र के एवज में उनसे ₹10 हजार की डिमांड की। जब उन्होंने असमर्थता जताई तो वहां से भगा दिया। वे 20 बार अस्पताल का चक्कर लगा चुके हैं। इसी तरह सौरहा सिंहोरवा गांव निवासी चंद्रशेखर पुत्र महेंद्र ने बताया कि उनके 24 वर्षीय भाई चंद्रमूल जन्म से ही सुन और बोल नहीं सकते। जिसके चलते उन्होंने लगभग आठ माह पूर्व अपने भाई का दिव्यांग प्रमाणपत्र बनवाने के लिए आवेदन किया था। जहां ईएनटी डाॅक्टर ने कुछ जांच लिखकर गोरखपुर से करवाने की सलाह दी। उन्होंने सारी जांचें गोरखपुर से करवाया। जिसके बाद डाॅक्टर काे दिखाया तो उनसे 10 हजार रुपये की मांग करने लगे। पैसे नहीं देने पर प्रमाण पत्र नहीं बनाने की धमकी दे रहे हैं। जबकि, हमारे साथ ही आए एक अन्य से उन्होंने ₹10 हजार लेकर उसके सर्टिफिकेट जारी कर दिया। इसी तरह अन्य पीड़ितों ने भी सीएमओ से शिकायत दर्ज कराई है। लेकिन शिकायती पत्र सिर्फ दो लोगों ने सौंपा है।

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बोर्ड में शामिल डॉक्टर पर लगे आरोप की होगी जांच : सीएमओ

सीएमओ डॉ. रामानुज कन्नौजिया ने बताया कि दिव्यांग बोर्ड में शामिल ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. मनोज सिंह पर ₹10 हजार मांगने का मामला संज्ञान में आया है। यह आरोप गंभीर है। डॉक्टर पर लगे आरोपों की जांच कराई जाएगी। यदि वह दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।