राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा: अखिलेश के बयान पर दिनेश शर्मा का पलटवार, बोले- क्या कारसेवकों पर गोली चलाने के लिए उन्हें मिला था कोई निमंत्रण

22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस प्राण प्रतिष्ठा में सम्मिलित होंगे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इस भव्य कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देशभर में लोगों को निमंत्रण भेजा है। अलग-अलग दलों के प्रमुख नेताओं को भी ट्रस्ट की ओर से इनविटेशन भेजे गए हैं। हालांकि, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि उन्हें अभी निमंत्रण नहीं मिला है। इस पर भाजपा के राज्यसभा सदस्य और पूर्व डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा (Dr. Dinesh Sharma) ने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को आड़े हाथ लिया है।

रामलला से मांगी चाहिए माफी

दिनेश शर्मा ने कहा कि क्या कारसेवकों पर गोली चलाने के लिए उन्हें कोई निमंत्रण मिला था। तब तो यह नहीं कहा था कि निमंत्रण नहीं मिला तो गोली नहीं चलाएंगे। गोली चलाने के लिए निमंत्रण की प्रतिक्षा नहीं है और रामलला के दर्शन करने के लिए निमंत्रण की प्रतिक्षा क्यों है।

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उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ गया तो एक अच्छे नागरिक की तरह, एक सनातनी के तौर पर सपरिवार जाकर रामलला के चरणों में प्रणाम जरूर करना चाहिए था और रामलला से यह भी कहना चाहिए था कि रामलला जो भी आपके बारे में गलत बयानी हमारी पार्टी के लोगों ने की है उसके प्रति हमें खेद है। यह कांग्रेस को भी करना चाहिए था। समाजवादी पार्टी को भी यह करना चाहिए था और डीएमके को भी करना चाहिए था।

आईएनडीआईए गठबंधन का है हिडेन एजेंडा 

वहीं, समाजवादी पार्टी के महाब्राह्मण सम्मेलन को लेकर उन्होंने कहा कि सबको सब कुछ करने का अधिकार है, लेकिन उन्हें लगता है कि ब्राह्मण को सम्मेलन नहीं सम्मान की जरूरत है और समाजवादी पार्टी उनका अपमान पर अपमान करती जा रही है। सनातन का भी, हिंदू का भी, लक्ष्मी माता का भी, श्रीरामचरित मानस को प्रतिबंधित करने की बात उनकी पार्टी में लोग कहते हैं। ऐसे शब्दों का प्रयोग करने वाले व्यक्ति का लगातार समाजवादी पार्टी में प्रमोशन भी होता जा रहा है। इसका मतलब है कि आईएनडीआईए गठबंधन का एक एजेंडा है और यह हिडेन एजेंडा है।

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डिनेश शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे ने जो बयान दिया था कि अगर मोदी जीते तो समझो सनातन आ जाएगा और उसके दूसरे ही दिन दक्षिण में उदय निधि स्टालिन का बयान जिस तरह से आया कि सनातन धर्म डेंगू है, मलेरिया है, उससे तो यह साफ पता चलता है कि कांग्रेस ने अपने सहयोगियों के 2 प्रवक्ता रख लिए हैं। एक है साउथ में उदय निधि स्टालिन, जो सनातन धर्म को गाली देते हैं, हिंदू धर्म को गाली दे रहे हैं और देवी-देवताओं का अपमान कर रहे हैं। दूसरे समाजवादी पार्टी और उसके पदाधिकारी हैं, जो उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों को गाली देंगे। श्रीरामचंद्र जी के अस्तित्व के बारे में अनाप-शनाप बोलेंगे और रामचरितमानस को प्रतिबंधित करने से लेकर हिंदू धर्म को धोखा बताएंगे।

उन्होने कहा कि अगर यह धोखा है तो अखिलेश यादव, डिंपल और शिवपाल यादव ने जो नामांकन पत्र भरा उसमें धर्म के कॉलम में हिंदू लिखा है तो क्या यह धोखा है। क्या उन्होंने जनता को धोखा दिया है। इसका स्पष्टीकरण उन्हें देना चाहिए। अगर धोखा नहीं है तो धोखा बोलने वालों के खिलाफ कार्रवाई क्या की है। सपा को यह भी स्पष्ठ करना चाहिए।

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