हिंदू और रामचरित मानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के विवादित बयानों को लेकर समाजवादी पार्टी के नेता ही 2 धड़ों में बंट गए हैं। सांसद डिंपल यादव समेत कई दिग्गज नेताओं ने हिंदुत्व पर टिप्पणियों को स्वामी प्रसाद मौर्य का व्यक्तिगत विचार करार दिया। उधर, भाजपा पहले से ही ऐसे बयानों को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य को टारगेट पर रख रही है और अखिलेश यादव से जवाब मांग रही है। सपा के सूत्रों का कहना है कि जल्द ही अखिलेश यादव ऐसे बयानों को लेकर गाइडलाइन जारी कर सकते हैं। चर्चा है कि अखिलेश यादव हिंदुत्व पर बड़ा संदेश देने के लिए लोकसभा चुनाव से पहले कुछ पाबंदियां भी लगा सकते हैं।
हिंदू एक धोखा है, ये कोई धर्म नहीं
स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हिंदू धर्म को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की। उन्होंने मंच से कहा कि हिंदू एक धोखा है। वैसे भी 1995 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि हिंदू कोई धर्म नहीं, जीवन जीने की शैली है। यही नहीं, जो सबसे बड़े धर्म के ठेकेदार बनते हैं आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी एक नहीं दो बार कहा कि हिंदू धर्म नाम का कोई धर्म नहीं है, बल्कि जीवन जीने की कला है।
मौर्य के इस बयान के पर भाजपा, संत समाज और हिंदू समाज के लोगों ने नाराजगी जाहिर की। वहीं, समाजवादी पार्टी के भीतर का बड़ा तबका खुलकर मौर्य की खिलाफत करने लगा। यहां तक कहा गया कि समाजवादी पार्टी को नुकसान पहुंचाने के लिए मौर्य भाजपा के एजेंट हैं।
सपा प्रवक्ता आईपी सिंह ने कहा कि वह अधर्मी है। वहीं, सपा नेता पवन पांडेय ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य अनर्गल प्रलाप बंद करें। पहले अपनी बेटी को सुधारें। बेटी सनातन का झंडा उठाकर घूम रही है और मौर्य अनर्गल प्रलाप कर सपा की छवि धूमिल कर रहे हैं।
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