UP की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लिए आगे बढ़ी बात, CM योगी बोले- 5 साल में 5 करोड़ रोजगार भी देंगे

पीएम मोदी ने जबसे देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर बनाने की बात कही है तभी से सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) यूपी को 1 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी (1 Trillion Dollar Economy) बनाने की बात कह रहे हैं. सीएम योगी ने बीते कार्यकाल में इस ओर मजबूती से कदम भी बढ़ाया, कोरोना ने उनकी राह में थोड़ बहुत रोड़ा लगाने का काम जरूर किया. इसके बावजूद योगी ने अपना लक्ष्य नहीं छोड़ा और कोविड काल में भी बंपर रोजगार दिए और प्रदेश में भारी भरकम निवेश लाए. योगी 2.0 में सीएम यूपी की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर बनाने के लिए जुट गए हैं. मुख्यमंत्री ने मंगलवार को लोक भवन में इसी को लेकर रणनीति तय की.

5 करोड़ रोजगार के अवसर
मुख्यमंत्री ने कहा कि 01 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश को आकर्षित करना होगा. निवेश ऐसा होना चाहिए, जिससे व्यापक स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित हों. यूपी को अगले पांच साल में 1 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लिए एक टीम गठित कर समन्वित प्रयास करने होंगे. साथ ही, आगामी 5 वर्षों में 5 करोड़ रोजगार के अवसर भी सृजित करने होंगे, ताकि उपलब्ध मैनपावर का उपयोग इस लक्ष्य को हासिल करने में किया जा सके. इस कार्य के लिए सभी को टीम भावना के साथ अपने-अपने दायित्वों का निर्वाह करना होगा.

फूड प्रोसेसिंग सेक्टर पर फोकस
सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश को 01 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लिए सेक्टर्स को चिन्हित करते हुए तद्नुसार मैनपावर तैयार करनी होगी. इस लक्ष्य की प्राप्ति में कृषि महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. यह उत्तर प्रदेश की ताकत भी है. इसलिए कृषि को लोगों के आर्थिक स्वावलम्बन का आधार बनाना होगा. फूड प्रोसेसिंग सेक्टर पर फोकस करना होगा. परम्परागत खेती को तकनीक से जोड़ते हुए उत्पादकता बढ़ानी होगी. इसके लिए किसानों की कृषि सम्बन्धी गतिविधियों को विज्ञान से जोड़ना होगा. उन्होंने कहा कि कृषि से सम्बन्धित गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा बड़ी संख्या में एफपीओ का गठन किया गया है. कृषि उत्पादों की स्टोरेज के लिए पूरे प्रदेश में कोल्ड चेन स्थापित की जा रही है.

हर्बल प्रोडक्ट्स की काफी मांग
योगी ने कहा कि समाज में हर्बल प्रोडक्ट्स की काफी मांग है. ऐसे में आयुष डॉक्टर कृषकों के साथ मिलकर जड़ी-बूटियों की खेती को वैज्ञानिक तरीके से आगे बढ़ाते हुए इसे लाभप्रद बना सकते हैं. इनसे बने उत्पादों का उपयोग वे स्वयं द्वारा स्थापित वेलनेस सेण्टरों में कर सकते हैं. इससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित हो सकता है.

धार्मिक पर्यटन में रोजगार के बड़े अवसर
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश को पर्यटन के क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने में प्रयागराज कुम्भ-2019 ने बड़ा योगदान दिया है. प्रदेश में धार्मिक पर्यटन, ईको टूरिज्म, हेरिटेज टूरिज्म, वाइल्ड लाइफ टूरिज्म इत्यादि की असीमित सम्भावनाएं मौजूद हैं. इससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित हो सकता है. बिहार और झारखण्ड राज्यों एवं पड़ोसी राष्ट्र नेपाल से बड़ी संख्या पर लोग पर्यटन के अलावा खरीदारी और इलाज के सिलसिले में उत्तर प्रदेश आते हैं. इस तथ्य पर ध्यान केन्द्रित करते हुए पर्यटक सुविधाएं सृजित करते हुए बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन किया जा सकता है.

क्या है यूपी की अर्थव्यवस्था का लेखा-जोखा
अगर अभी यूपी की अर्थव्यवस्था देखें ये करीब 19 लाख करोड़ की है. पांच साल बाद साल 2027 तक इसे 1 ट्रिलियन यानी करीब 76 लाख करोड़ करने का लक्ष्य रखा गया है. इसका मतलब ये हुआ कि अगले पांच साल में यूपी की अर्थव्यवस्था को 4 गुना बढ़ाने का टारगेट है पर ये टारगेट बेहद मुश्किल रहने वाला है क्योंकि 2014 में यूपी की अर्थव्यवस्था थी 9.4 लाख करोड़ की थी जो अभी यानी 2022 में ये बढ़कर 19.1 लाख करोड़ की हो गयी है. यानी हकीकत ये है कि पिछले 8 साल में यूपी की अर्थव्यवस्था सिर्फ दो गुनी ही बढ़ पायी है. यानी साफ है कि सिर्फ पांच साल में 1 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी को हासिल करना बेहद मुश्किल होने वाला है, क्योंकि आंकड़े बता रहे हैं कि 8 साल में इकॉनमी सिर्फ 2 गुना बढ़ी है, तो फिर अगले पांच साल में चार गुना बढ़ाने का टारगेट आसान नजर नहीं आता.

यूपी में निवेश का हाल
साल 2017-18 में विदेशी निवेश करीब 578 करोड़ रुपये था जो साल 2018-19 में घटकर सिर्फ 234 करोड़ पर आ गया है. हालंकि साल 2019-21 में इसमें जबरदस्त इज़ाफा हुआ और विदेशी निवेश 5758 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है. योगी सरकार की कोशिश विदेश निवेश और ज्यादा बढ़ाने के साथ-साथ देशी निवेशकों को भी अपनी ओर खींचना है, और इसीलिए सीएम योगी के शपथग्रहण समारोह में देश के नामी गिरामी कारोबारी ग्रुप्स को बुलाया गया था, जिससे ये संदेश जाए कि यूपी की इकॉनमी को वन ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के लिए यूपी सरकार बेहद गंभीर है.

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