युवाओं के रोजगार और आर्थिक स्वावलम्बन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का खास जोर है. कम पूंजी और जोखिम में एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग) सेक्टर में स्थानीय स्तर पर रोजगार की सर्वाधिक संभावना है. मार्च 2021 तक सरकार 20 लाख एमएसएमई इकाइयों को ऋण मुहैया कराएगी. इससे लगभग एक करोड़ लोगों को रोजगार मिलेगा. यह बातें अपर मुख्य सचिव, एमएसएमई एवं सूचना नवनीत सहगल (Navneet Sehgal) ने कहीं.
सहगल गुरुवार को अयोध्या के राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. तालीम ए तरबियत की ओर से आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि हर आदमी खुद में उद्यमी है. यह जानने के लिए झिझक तोड़नी होगी. यह सोच बदलनी होगी कि कोई काम छोटा होता है. आपके पास आइडिया, प्रशिक्षण और पूंजी होनी चाहिए. सरकार अपनी ओर से कई योजनाओं के जरिए उदार शर्तो पर पूंजी उपलब्ध करा रही है. आपके पास आइडिया होना चाहिए. ये आइडिया ओयो रूम जैसी हो भी सकता है और अपने ओडीओपी के उत्पादों के बारे में भी. अगर आप अपने आइडिया के मुताबिक काम कर ले गए तो लोगों को रोजगार दे सकेंगे.
वहीं इस मौके पर केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की अतिरिक्त महानिदेशक रुपिंदर बरार ने पर्यटन के क्षेत्र में रोजी-रोजगार की असीम संभावनाओं का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि बुनियादी सुविधाओं के बढ़ने और कोरोना खत्म होने के बाद इस संभावनाओं का और विस्तार होगा. हमारे पास दिखाने को बहुत कुछ है. केंद्र और प्रदेश सरकार मिलकर अयोध्या को ऐसा बनाएंगे जहाँ हर कोई एक बार जरूर आना चाहे.
अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने कहा कि वित्तीय साक्षरता नई तरह की शैक्षिक क्रांति है. उत्तर प्रदेश इस दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है. कार्यक्रम में लोकगायिका मालिनी अवस्थी ने कहा कि लड़की को हुनरमंद जरूर बनाएं. यही उसके जीवन मे काम आएगा. कार्यक्रम में हनुमान गढ़ी, अयोध्या के महंत राजू दास, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के अजय ठाकुर, यूनियन बैंक के रीजनल मैंनेजर ऋषिकेश मिश्रा व मौलाना कलीम सहित अनेक अन्य लोगों की उपस्थिति रही.
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