उत्तर प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UP Power Corporation Limited) और उसकी सहयोगी कंपनियों ने 55 अवर अभियंताओं को बर्खास्त कर दिया है। ये सभी बिना परमिशन के लंबे समय से ड्यूटी से नदारद थे। कॉर्पोरेशन ने आरोप पत्र इन अभियंताओं के घर भेजा, लेकिन जवाब नहीं मिलने पर आरोपपत्र की सूचना समाचार पत्रों में प्रकाशित करानी पड़ी। मामले में आरोप सही पाए जाने पर इन सभी को सेवा से मुक्त कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार, इन अभियंताओं ने न तो इस संबंध में किसी को बताया और न ही सीनियर अफसरों से छुट्टी स्वीकृत कराई थी। अवर अभियंताओं की वार्षिक गोपनीय आख्या भी अफसरों के समक्ष प्रस्तुत नहीं की गई। कर्तव्यों और दायित्वों के निर्वहन में जानबूझकर शिथिलता बरतने को प्रबंधन ने कॉर्पोरेशन के नियमों व उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 1956 के प्रविधानों का भी उल्लंघन माना है।
Also Read: योगी सरकार का पेंशन को लेकर राहत पहुंचाने वाला आदेश, रिटायरमेंट के बाद नहीं करना पड़ेगा इंतजार
कॉर्पोरेशन की जांच समिति की ओर से आरोपपत्र अभियंताओं के निवास के पते पर भेजे गए, जिसका आरोपित कार्मिकों ने जवाब तक नहीं दिया। जिसके बाद आरोपपत्र को समाचार पत्रों में प्रकाशित कराया गया और जवाब न मिलने पर जांच रिपोर्ट कॉर्पोरेशन प्रबंधन को भेजी गई। इसमें कहा गया कि कार्मिकों को अपना पक्ष रखने का पूरा अवसर दिया गया, लेकिन किसी ने संपर्क नहीं किया।
इसी तरह अभियंताओं पर दंडात्मक कार्रवाई करने से पहले उन्हें पक्ष रखने का एक और मौका दिया गया, लेकिन आरोपित अभियंताओं ने उसका संज्ञान नहीं लिया। आरोप सिद्ध होने पर 55 अवर अभियंताओं को बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं, शेष अन्य अभियंताओं की जांच पूरी होने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )