वाराणसी: 92 लाख रुपए बरामदगी के मामले में इंस्पेक्टर समेत 7 पुलिसकर्मी बर्खास्त, संदिग्ध पाई गई थी भूमिका

उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi) जनपद में अपर पुलिस आयुक्त (मुख्यालय और अपराध) संतोष कुमार सिंह ने भेलूपुर थाना क्षेत्र के शंकुल पोखरा के पास 29 मई को 92 लाख रुपये की बरामदगी (Recovery of 92 Lakh Rupees) मामले में पुलिसकर्मियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है।

इन पुलिसकर्मियों को किया गया बर्खास्त

इस मामले में तत्कालीन इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे, तीन दारोगा, दो सिपाही और एक चालक (सिपाही) को शनिवार को उन्होंने बर्खास्त कर दिया। ये पुलिसकर्मी पहले से निलंबित चल रहे थे। पूरे मामले में इन पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी, जिसकी जांच डीसीपी काशी जोन आरएस गौतम ने की थी। गौतम ने इन सबके खिलाफ रिपोर्ट दी थी।

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दरअसल, 92 लाख रुपए की बरामदगी का मामला संज्ञान में आने के बाद से चर्चा का विषय बना हुआ था। जिन नोटों की बरामदगी को पुलिस अपनी सफलता मान रही थी, उसके पीछे इतने सवाल खड़े हुए कि अफसरों तक के लिए जवाब देना मुश्किल हो गया था। हालांकि, पुलिस आयुक्त मथा अशोक जैन ने पहले दिन से ही मामले में गंभीरता दिखाई थी।

पांच मई को निलंबित हुए थे पुलिसकर्मी

उन्होंने तत्कालीन इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे को लाइन हाजिर करते हुए एक दारोगा को कोतवाली से संबद्ध कर जांच डीसीपी काशी जोन को सौंप दी थी। मामले की जांच रिपोर्ट आने के बाद पांच मई को तत्कालीन इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे, एसआइ सुशील कुमार, एसआइ महेश कुमार, एसआइ उत्कर्ष चतुर्वेदी, कांस्टेबल महेंद्र कुमार पटेल, कांस्टेबल कपिल देव पांडेय को निलंबित कर दिया गया था।

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गुजरात के कारोबारी से लूट का मामला

अपर पुलिस आयुक्त संतोष कुमार सिंह ने बताया था कि रुपये बरामदगी मामले में आरोपित पुलिसकर्मियों ने मौके पर पहुंचने के बाद भी ठोस कार्रवाई नहीं की। इसलिए सभी को निलंबित किया गया है। इधर, यह मामला थमा नहीं था कि इसी दौरान गुजरात के एक कारोबारी कमलेश शाह के मुनीम विक्रम सिंह ने 1.40 करोड़ रुपये लूट का मुकदमा इसी थाने में दर्ज करा दिया।

हालांकि, अधिकृत रूप से दोनों मामले एक नहीं है, लेकिन दोनों घटनाक्रम को एक-दूसरे से जोड़कर पुलिस अधिकारी भी देख रहे हैं। 92 लाख रुपये की बरामदगी मामले में जिस व्यक्ति का नाम सामने आ रहा था, उसी के खिलाफ लूट की रिपोर्ट दर्ज हुई है। मीडिया में मामला उछलने पर कई सवाल खड़े हुए, जो पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी की वजह बने।

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