लखनऊ: लखनऊ के विवेक तिवारी हत्याकांड मामले में में पुलिस प्रशासन की लीपापोती सामने आई है. विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी ने रविवार को इस मामले में दूसरी एफआईआर दर्ज कराई है.
इस एफआईआर में कल्पना तिवारी ने दावा किया है कि हत्याकांड के बाद जो अधिकारी मौके पर पहुंचा उसने सना खान को फोन करने या फिर फोन उठाने की इजाजत नहीं दी. बता दें कि गोली मारे जाने के वक्त सना विवेक तिवारी के साथ थी. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार कल्पना ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने सना पर खाली पेपर पर साइन करने का भी दबाव डाला था.
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एफआईआर में कहा गया है कि हत्या के आरोपी प्रशांत चौधरी और संदीप कुमार जो उस वक्त प्रशांत चौधरी के साथ था दोनों उस कार के सामने आए जिसमें रात को करीब 1.30 बजे सना अपने सहकर्मी के साथ जा रही थी. इसमें कहा गया है कि चौधरी ने कार के शीशे पर पिस्तौल रखी और हत्या के इरादे से गोली चला दी.
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वहीं इस पूरे मामले पर प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक ने भी पुलिस पर हत्या का आरोप लगया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए पाठक ने कहा, “हत्या की एकमात्र गवाह को 17 घण्टे तक पुलिस हिरासत में रखा गया और सादे कागज पर उसके साइन लिए गए. उस तरह से एफआईआर दर्ज नहीं की गई जैसे कि होनी चाहिए थी. सना के बयान और एफआईआर में कोई समानता नहीं है. और इस मामले को निपटाने की कोशिश की गई.”
इस मामले में हरदोई के शाहाबाद की विधायक रजनी तिवारी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर पुलिस प्रशासन व जिलाधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.
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