कांग्रेस(Congress) सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) इन दिनों सात-सदस्यीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ विभिन्न देशों की यात्रा पर हैं। इस दौरे का उद्देश्य भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ( Operation Sindoor) की सफलता को वैश्विक मंच पर उजागर करना है। लेकिन इस मिशन में थरूर की सक्रिय भूमिका से खुद उनकी पार्टी के कुछ नेता असहज नजर आ रहे हैं।
थरूर पर कांग्रेस नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा और उदित राज ने शशि थरूर की आलोचना की है। उदित राज ने तो यहां तक कह दिया कि थरूर को कांग्रेस छोड़कर भाजपा जॉइन कर लेनी चाहिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें विदेश मंत्री बना लें। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने थरूर को सब कुछ दिया, लेकिन अब वे पार्टी की छवि को नुकसान पहुँचा रहे हैं। पवन खेड़ा ने भी निशाना साधते हुए कहा कि थरूर पहले सर्जिकल स्ट्राइक की आलोचना करते थे और अब उसकी तारीफ कर रहे हैं। खेड़ा ने थरूर की किताब ‘द पैराडॉक्सिकल प्राइम मिनिस्टर’ का हवाला देते हुए उन्हें अवसरवादी करार दिया।
शशि थरूर का जवाब
इस आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए शशि थरूर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह समय है कि हम अपने मिशन पर ध्यान केंद्रित करें। लोकतंत्र में आलोचना स्वाभाविक है, लेकिन अभी हम जिन देशों की यात्रा पर हैं, वहाँ भारत का पक्ष रखना हमारी प्राथमिकता है। भारत लौटने पर हम सभी से बातचीत करने को तैयार हैं।’
भाजपा ने थरूर का किया समर्थन
जहाँ कांग्रेस के कुछ नेता थरूर पर हमलावर हैं, वहीं भाजपा नेताओं ने उनका समर्थन किया है। भाजपा नेता संजय निरुपम ने कहा,’यह एक पवित्र कार्य है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि मजबूत कर रहा है। कांग्रेस को खुश होना चाहिए कि थरूर जैसे प्रतिभाशाली नेता को यह जिम्मेदारी मिली है। मगर जिस तरह से कांग्रेस के भीतर उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश हो रही है, वह पार्टी की अंदरूनी कुंठा को उजागर करता है।’
प्रतिनिधिमंडल में नाम शामिल करने पर भी विवाद
गौरतलब है कि जब सरकार ने इस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की घोषणा की थी, तभी कांग्रेस ने आपत्ति जताई थी। पार्टी का कहना था कि उसने थरूर का नाम केंद्र को भेजा ही नहीं था। बावजूद इसके, थरूर को शामिल किया गया।