उत्तर प्रदेश सरकार ने सड़क निर्माण में नई तकनीक के इस्तेमाल से चालू वित्त वर्ष में 942 करोड़ रुपए की बचत किए जाने का दावा किया है। न्यूज एजेंसी वार्ता ने अधिकारिक सूत्रों के हवाले से बुधवार को बताया कि लोक निर्माण विभाग ने सड़क निर्माण में नवीनतम तकनीक का प्रयोग कर कम पत्थर से मार्गों को निर्माण कर खदान और ढुलाई से होने वाले कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने का काम किया है। साथ ही कम लागत से मजबूत सड़क बनाने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को बल मिला है।
पदेश में पहली बार साइन बोर्ड लगाने के लिए 125 करोड़ रुपए
उन्होंने बताया कि वर्ष 2018-19 में नवीन तकनीक के प्रयोग से 30.42 लाख घनमीटर पत्थर की बचत की जायेगी। बचत से होने वाले पत्थर से गाजियाबाद से प्रयागराज तक लगभग 680 किलोमीटर लम्बे दो लेन राज्यमार्ग का निमार्ण किया जा सकता है। अब तक नवीन तकनीक प्रयोग से 942 करोड़ रूपये की बचत की गयी है। प्रदेश में नवीन तकनीक को बढ़ावा देने के लिये अभियन्ताओं को प्रशिक्षण भी दिलाया जा रहा है।
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मिली जानकारी के मुताबिक, सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिये पयार्वरण अनुकूल सड़कें बनाने के साथ-साथ रोड साइनेज एवं रोड मार्किंग, रोड सेफ्टी आडिट भी कराया जा रहा है। प्रदेश में पहली बार प्रथम बार साइन बोर्ड लगाने के लिये 125 करोड़ रूपये की स्वीकृतियां निर्गत की गयीं है। प्रदेश के प्रमुख तथा अन्य जिला मार्गों के लगभग 2000 किलोमीटर एवं 417 ब्लैक स्पॉट का रोड सेफ्टी (सीआरआरआई) से कराया जा रहा है तथा 144 अभियन्ताओं को विभिन्न संस्थानों से रोड सेफ्टी का प्रशिक्षण दिलाया गया है।
लोक निमार्ण विभाग ऑन लाईन कर रहा निमार्ण कार्यों की माप
जानकारी के मुताबिक, लोक निमार्ण विभाग के कार्यों में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से ई-गर्वनेंस, ई-एमबी, ई-मेन्टेनेन्स, ई-बिल, ई-प्रोजेक्ट मॉनीटरिंग, ई-डाटाबेस तथा ई-बजट जैसी व्यवस्था लागू की गयी है ताकि लोक निमार्ण विभाग के कार्यों को पारदर्शिता एवं त्वरित गति प्रदान करने के साथ-साथ प्रत्येक स्तर पर निगरानी की जा सके। उन्होंने कहा ई-मेन्टनेंस के माध्यम से 24 से 48 घण्टे में पॉट होल्स मरम्मत की व्यवस्था लागू की गयी है, जबकि अन्य जिला मार्गों के पॉट होल्स की मरम्मत 46 से 96 घण्टे में की जायेगी।
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सूत्रों नेे बताया कि विभाग में समस्त श्रेणी के रजिस्टेशन ऑन लाइन किये जा रहे हैं, अब तक 4544 ऑन लाइन पंजीकरण किये जा चुके हैं। जबकि 75 लाख से अधिक लागत के समस्त कार्यों की माप चाणक्य सॉफ्टवेयर के माध्यम से की जा रही है। अब तक 3700 ऑन-लाईन माप की जा चुकी है। लोक निमार्ण विभाग देश में अकेला ऐसा विभाग है जहां निमार्ण कार्यों की माप ऑन लाईन की जा रही है। उन्होंने बताया कि भुगतान में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से ऑन-लाइन बिल तैयार हो रहे हैं, जबकि निमार्ण कार्यों की गुणवत्ता एवं प्रगति की समीक्षा के लिये चाणक्य सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है।
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