मुजफ्फरपुर रेप कांड: सीएम नीतीश ने तोड़ी चुप्पी, दोषियों को दी जायगी कड़ी से कड़ी सजा

 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को आखिरकार मुजफ्फरपुर रेप कांड पर चुप्पी तोड़ी है, उन्होंने कहा है कि मुझे इस तरह की घटना से बहुत दुख पहुंचा और पीड़ा हुई है, जिन लोगों ने गड़बड़ की है उन्हें बख्शा नहीं जाएगा दोषी को पकड़ा जाएगा। समाज के सुधार के लिए सबको साथ मिलकर काम करना ।

 

बिहार सीएम ने कहा कि मुजफ्फरपुर में ऐसी घटना घट गई की हम शर्मसार हो गए, सीबीआई मामले की जांच कर रही है। हाईकोर्ट इसकी मॉनिटरिंग करे।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आश्वासन देना चाहता हूं कि किसी तरह ढिलाई नहीं बरती जाएगी, जो भी दोषी पाए जाएंगे उनको कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी।

 

 

जाने क्या था पूरा मामला ?

इस साल के शुरुआत में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस, मुंबई (टीआईएसएस) ने अपने सोशल ऑडिट के आधार पर मुजफ्फरपुर के साहु रोड स्थित बालिका सुधार गृह (शेल्टर होम) में नाबालिग लड़कियों के साथ कई महीने तक रेप और यौन शोषण होने का खुलासा किया था,  इस दौरान कई लड़कियों को गर्भपात के लिए भी मजूबर किया गया था।

 

मेडिकल जांच में शेल्टर होम की कम से कम 34 बच्चियों के साथ रेप की पुष्टि हुई है, पीड़ित कुछ बच्चियों ने कोर्ट को बताया कि उन्हें नशीला पदार्थ दिया जाता था फिर उनके साथ रेप किया जाता था।  इस दौरान उनके साथ मारपीट भी होती थी। पीड़ित लड़कियों ने बताया कि जब उनकी बेहोशी छंटती थी और वो होश में आती थीं तो खुद को निर्वस्र (बिना कपड़ों) पाती थीं।

 

बिहार सरकार के पैसे पर चलने वाले इस एनजीओ के प्रमुख ब्रजेश ठाकुर हैं। शेल्टर होम की करीब 30 लड़कियों से कथित तौर पर बलात्कार किया गया है, मुख्य आरोपियों में ब्रजेश ठाकुर का भी नाम शामिल है। सीबीआई उन डॉक्टरों और फॉरेंसिक विशेषज्ञों के भी बयान दर्ज करेगी और उनसे सबूत इकट्ठा करेगी जिनकी सेवाएं पुलिस ने अपनी जांच के दौरान ली थी।

 

मामले के तूल पकड़ने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी सीबीआई जांच की सिफारिश की। इसके अलावा शेल्टर होम चलाने वाले एनजीओ को काली सूची (ब्लैक लिस्ट) में डाल दिया गया है और पीड़ित लड़कियों को पटना और मधुबनी के शेल्टर होम में भेज दिया गया है। मुजफ्फरपुर गर्ल्स शेल्टर होम कांड को लेकर बिहार में राजनीति में आया भूचाल अभी भी जारी है।